फिल्म इंडस्ट्री के शहंशाह कहे जाने वोले अमिताभ बच्चन हिन्दी सिनेमा की जान हैं. शहंशाह को दादा साहेब फाल्के जैसे पुरस्कार से दुनियाभर में पहचान मिली . जिस तरह शहंशाह फिल्मों में एक जाबाज हीरो का किरदार निभाते है. वो एक ऐसी शख्सियत हैं. जो मौत को भी मात दे चुके हैं. एक समय ऐसा भी था जब वो मौत के मुंह से खुद को निकाल कर लाए थे .और दुनियां के सामने एक मिसाल पेश की थी .आपको बतादें कुली फिल्म की शूटिंग के दौरान कुछ ऐसा हुआ जिससे सभी के होश उड़ गए . वो कुली फिल्म के समय इतनी बुरी तरह घायल हो गए थे. कि डॉक्टर्स तक ने जवाब दे दिया था कि वो नहीं बच पाएंगे महानायक को क्लिनिकली डेड घोषित कर दिया गया था. जब उनकी फिल्म 'कुली' की शूटिंग हो रही थी. बेंगलुरु में 24 जुलाई1982 में फिल्म के एक्शन सीन का सेट लगाया गया था. जिसमें डायरेक्टर ने उन्हें डबल बॉडी सूट के लिए कहा था .और उन्होंने खुद ही इस सूट को करने का फैसला लिया था . जिसपर डायरेक्टर भी राजी हो गए थे .
एक ऐसा भी समय आया जब डॉक्टर्स ने ,शहंशाह को मृत बताया
शहंशाह इस सीन को ज्यादा रीयल दिखाना चाहते थे .जिसका भरपाना उन्हें लंबा करना पड़ा .इस सीन में अमिताभ बच्चन को अपने मामा को बचाने वाली फाइटिंग करनी थी .जब एक्टर पुनित इस्सर के घूंसे के बाद पास में रखी टेबल के ऊपर से लुढ़कर नीचे गिरना था.डायरेक्टर के मुताबिक सीन शूट हुआ और अमिताभ टेबल से लुढ़कते हुए नीचे गिर गए. और उनके पेट के निचले हिस्से में स्टील के टेबल का कोना चुभ गया था .और सीन खत्म होने के बाद सेट पर तालियां बजने लगी .सब सही था .लेकिन कुछ देर बाद महानायक के पेट में दर्द होने लगा. पहले सभी को लगा कि ये छोटा-मोटा दर्द है जो ठीक हो जाएगा, लेकिन बाद में ये दर्द ज्यादा बढ़ गया. जिसके बाद डॉक्टर्स ने 27 जुलाई को उनके पेट का ऑपरेशन किया वो ये देखकर हैरान हो गए कि उनकी उनकी छोटी आंत में गहरी चोट आ गई थी . इसके बाद वो निमोनिया के शिकार भी हो गये थे. उनके पूरे शरीर में जहर फैलना शुरू हो गया था.
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आपको हम यह बतादें कि अमिताभ की कई सारी सर्जरी की गई . मगर उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ था .और डॉक्टरों ने उन्हें क्लिनिकली डेड यानि मृत घोषित कर दिया था. जब किसी को उम्मीद नहीं बची तो डॉक्टर उड़वाडिया ने दवाई का ओवरडोज भी दिया . जिसका असर यह था कि वो ठीक होने लगे .और पत्नी जया बच्चन ने उनके पैर के अंगूठे में हलचल देखी.और फिर शहंशाह ने सांस ली .इसके साथ उन्होंने यह भी साबित कर दिया की जाको राखे सईंया मार सके ना कोय.