हिंदी फिल्मों का हीरो जब किसी कानूनी पचड़े में फंस जाता है. तो उसे बचाने के लिए ऐसे वकील सामने आते हैं जो विलेन की खाट खड़ी कर देते हैं. दामिनी में सनी देओल से लेकर पिंक में अमिताभ बच्चन तक कोर्ट रूम में आए और अपने धमाकेदार लॉजिक्स से मूवी का रुख ही मोड़ दिया. वकील के तौर पर उन्होंने ना सिर्फ अपने मुवक्किल को न्याय दिलाया बल्कि केस के दौरान उन्हें विलेन के खतरे से भी बचाया. आइए मिलें बॉलीवुड फिल्मों के उन 10 वकीलों से जिनकी वकालत के आगे विरोधी वकील की बोलती बंद हो गई. इन फिल्मों में दामिनी, पिंक, बदला और शाहिद कपूर की बत्ती गुल मीटर चालू भी शामिल है.
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दामिनी- हिंदी फिल्मों की हिस्ट्री में वकील का ऐसा दमदार रोल शायद ही किसी और एक्टर ने प्ले किया होगा, जैसा सनी देओल ने दामिनी में किया है. मूवी में एक रेप विक्टिम लड़की को न्याय दिलाने के लिए वकील बने सनी देओल कोर्ट में अपने दमदार डायलॉग्स से मशहूर वकील अमरीश पुरी की धज्जियां उड़ा देते हैं. तारीख पर तारीख और ढाई किलो का हाथ वाले डायलॉग्स भला कौन भूल सकता है. फिल्म में हीरो भले ही ऋषि कपूर रहे हों, लेकिन दर्शकों को सिर्फ वकील बने सनी देओल ही याद आते हैं.
बदला- फिल्म की कहानी है जानी-मानी अवॉर्ड विनर बिजनेस वुमन नैना सेठी यानी तापसी पन्नू की, जिस पर एक मर्डर का इल्जाम है. वह अपने लीगल अडवाइजर मानव कौल के जरिए प्रतिष्ठित और जाने-माने वकील बादल गुप्ता अमिताभ बच्चन को हायर करती है. बादल गुप्ता सबूतों का पक्का लॉयर है और यही वजह है कि 40 साल के करियर में वह एक भी केस नहीं हारा. अमिताभ बच्चन को सदी का महानायक इसलिए कहा जाता है कि वह न केवल किरदार के मैनरिज्म और मिजाज को समझते हैं बल्कि सामनेवाले अदाकार के महत्व को समझकर ऐक्शन-रिऐक्शन का सिलसिला बनाए रखते हैं. उन्होंने किरदार की बारीकियों को खूब समझा है.
पिंक- लड़कियों के प्रति कोई क्राइम होने के बाद समाज अपराधी लड़कों को नहीं बल्कि विक्टिम लड़कियों को ही दोषी बताता है. इसी प्रॉब्लम को नए और दमदार अंदाज में दिखाती फिल्म पिंक हाल ही आई और छा गई. पिंक में अमिताभ बच्चन बुजुर्ग वकील दीपक सहगल की भूमिका में खासे पावरफुल लगते हैं. मूवी में तापसी पन्नू का केस लड़ने वाले अमिताभ न सिर्फ उसे न्याय दिलाते हैं, बल्कि हर बात में लड़कियों को गलती निकालने वाले समाज को ऐसा आइना दिखाते हैं, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता.
जॉली एलएलबी- वकील कानून के साथ खिलवाड़ करके गुनहगारों को कैसे आजाद करा देते हैं. इसी कहानी पर आधारित जॉली एलएलबी मूवी में अरशद वारसी यानि जगदीश त्यागी वकालत करके यूपी के एक छोटे शहर से दिल्ली आता है. यहां आकर वो बड़े वकील बमन ईरानी को उसकी औकात दिखाता है, क्योंकि उसने कानून का मजाक बनाया हुआ है.
बत्ती गुल मीटर चालू- फिल्म है बिजली के मुद्दे पर. वहां हो रही धांधली पर. फिल्म पूरी तरह से एक आम आदमी की समस्या के इर्द-गिर्द घूमती है. वकील के रूम में शाहिद कपूर ने जिस तरीके से अदालत का ध्यान बिजली विभाग की कमजोरियों की ओर घसीटा उसकी काफी तारी हुई. अभिनय की बात करें तो शाहिद कपूर इस फिल्म में एक अलग अंदाज में नजर आते हैं. जिस तरह का ग्राफ उन्होंने एक अभिनेता के तौर पर इस किरदार का गढ़ा है वो वाकई दिल छू लेता है.
जॉली एलएलबी 2- जगदीश मिश्रा उर्फ जॉली एल कानपुर का वकील है जो कुछ खास कर नहीं पाया है क्योंकि किस्मत उसका साथ नहीं देती है. अपने छिछोरेपन और कुछ स्मार्ट तरीकों से वो पैसे कमा लगता है. जॉली के सपने बड़े बड़े होते हैं और जिंदगी में पैसा उसके लिए बहुत मायने रखता है. एक प्रेग्नेंट विधवा औरत हिना सिद्दकी की आखों में धूल झोंकता है जो अपने पति के झूठे एंकाउटर में न्याय चाहती है. जब जॉली को इसका पता चलता है तो उसे काफी आत्मग्लानि होती है और वो किसी भी हाल में न्याय चाहता है. वरिष्ठ वकील के रुप में अन्नु कपूर भी शानदार लगे हैं. उनके पंचलाइन भी काफी अच्छे अच्छे हैं. बाकी कास्ट ने भी फिल्म में अच्छा परफॉर्म किया.
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सेक्शन 375- फिल्म की कहानी एक मूवी डायरेक्टर की है जिस पर उसकी फिल्म में काम करने वाली एक कॉस्ट्यूम डिजाइनर रेप का आरोप लगाती है. डायरेक्टर को निचली अदालत से सजा मिलती है और उसे जेल भेज दिया जाता है. मामले की पैरवी 2 बेहद टैलंटेड वकील करते हैं जिसमें पब्लिक प्रॉसिक्यूटर का रोल रिचा चड्ढा और डिफेंस लॉयर का किरदार अक्षय खन्ना निभा रहे हैं. अक्षय खन्ना पूरी फिल्म में छाए हुए हैं और बेहतरीन तरीके से अपना किरदार निभा जाते हैं. हर सीन में अक्षय आपको बेहतरीन दिखेंगे. रिचा चड्ढा ने अपने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है और वह भी अक्षय के सामने कहीं भी कमजोर नहीं लगती हैं.
एतराज- अपनी तरह के अनोखे कानूनी केस वाली इस फिल्म में अक्षय कुमार ने अपनी कंपनी की बॉस सोनिया यानि प्रियंका चोपड़ा पर रेप अटेंप्ट का केस फाइल किया था. इस विचित्र केस को लड़ने और जीतने के लिए सामने आते हैं वकील राम चोटरानी, यानि अन्नू कपूर. अपने मुवक्किल अक्षय को बचाने और सोनिया के कैरेक्टरलेस साबित करने के लिए अन्नू कपूर जी जान लगा देते हैं. केस जीतने से ठीक पहले सोनिया वकील अन्नू कपूर को मरवा देती है. तब अक्षय की पत्नी यानि करीना अपनी जिंदगी का पहला केस लड़कर अपने पति को बाइज्ज्त बरी करा लाती है. वैसे इस मूवी में वकील बनीं करीना भी कम दमदार नहीं हैं.
HIGHLIGHTS
- इन फिल्मों में वकील ने विलेन की बोलती बंद की
- वकील बनकर अपने मुवक्किल को इंसाफ दिलाया
- दमदार वकालत के लिए हमेशा याद की जाएंगी ये फिल्में