हिंदी सिनेमाजगत के दिग्गज अभिनेता अमजद खान (Amjad Khan) का आज जन्मदिन है. 12 नवंबर 1940 को पेशावर पाकिस्तान में जन्में अमजद खान (Amjad Khan) ने बॉलीवुड के कई अभिनेता को हीरो का खिताब दिलवाया है. दरअसल, किसी भी फिल्म में अगर विलेन नहीं होगा तो कोई एक्टर हीरो नहीं बन पाएगा, इसका आसान मतलब यह है कि जब भी विलेन आते है तभी हीरो की जरुरत पड़ती है. फिल्म शोले की सफलता में भी विलेन बने अमजद खान (Amjad Khan) गब्बर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान था.
फिल्म 'शोले' में गब्बर सिंह वाली भूमिका अभिनेता डैनी को दी गई थी लेकिन उस समय डैनी फिल्म 'धर्मात्मा' में बिजी थे जिसकी वजह से उन्होंने 'शोले' में काम करने के लिए इंकार कर दिया. इसके बाद ‘शोले’के कहानीकार सलीम खान की सिफारिश पर रमेश सिप्पी ने अमजद खान को गब्बर सिंह का किरदार निभाने का मौका दिया.
इस फिल्म के विलेन गब्बर सिंह का नाम सुनते ही एक खूंखार डाकू की छवि आंखों के सामने आती है, फिल्म का एक डायलॉग ‘यहां से पचास-पचास कोस दूर जब कोई बच्चा रोता है, तो उसकी मां कहती है बेटा चुप हो जा, गब्बर आ जाएगा.' आज भी लोगों की जुबां पर आ जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि पर्दे पर एक से एक खतरनाक विलेन की भूमिका निभाने वाले अमजद खान (Amjad Khan) वास्तविक जीवन में एक सभ्य एवं गरीबो की सहायता करने वाले इंसान थे. उन्होंने एक डिस्पेंसरी वैन बनवाई थी जो सिनेमा वर्कर्स को निशुल्क दवाई देती थी.
अमजद खान (Amjad Khan) की निजी जिंदगी के बारे में बात करें तो ऐसी खबरें थीं कि अमजद एक्ट्रेस कल्पना अय्यर से प्यार करते थे. कल्पना को पता था कि अमजद खान शादीशुदा हैं और तीन बच्चों के पिता भी हैं. दोनों की मुलाकात एक स्टूडियो में हुई थी जहां दोनों अलग-अलग फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. दोनों के प्यार की खबरें सामने आने लगीं मगर कल्पना ने अमजद खान पर शादी का कोई दवाब नहीं डाला. अपने 16 साल के फिल्मी करियर में अमजद खान ने लगभग 120 फिल्मो में काम किया.