पिछले कुछ दशकों में हिंदी सिनेमा का माहौल काफी बदल गया है. हालांकि, कुछ एक्टर ऐसे भी हैं जिन्होंने इंडस्ट्री में ऐसी छाप छोड़ी है जो अब तक बनी हुई है, उनमें से एक बड़ा नाम मशहूर एक्टर फिल्म एक्टर अमरीश पुरी (Amrish Puri) भी है. उनकी आवाज में एक अलग ही जादू था या यूं कहें कि आवाज में अलग ही कर्कशपन था, जो लोगों के दिल और दिमाग में एक गहरी छाप छोड़ देती थी. दिवंगत अभिनेता ने 1967 से 2005 तक 38 साल के लंबे करियर के दौरान 450 से अधिक फिल्में की हैं. अमरीश पुरी (Amrish Puri Birth Anniversary) ने हिंदी फिल्मों के अलावा मराठी, पंजाबी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ और मलयालम में भी फिल्में कीं. आज उनकी 91 वीं बर्थ एनिवर्सरी है, इसी बीच आज हम आपको उनके कुछ फेमस डायलॉग्स से रुबरू कराते हैं. वैसे तो आपने उनके ये डायलॉग सुने ही होंगे लेकिन आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी पर आपकी यादों को ताजा करते हैं.
1. मोगैम्बो खुश हुआ! – मिस्टर इंडिया
2. जा सिमरन जा, जी ले अपनी जिंदगी! - दिलवाले दुल्हनिया ले जायेंगे
3. थप्पड़ तुम्हारे मुंह पर पड़ा है, और निशान मेरे गाल पर छपे है – विश्वात्मा
4. आदमी के पास दिमाग हो ना... तो वो अपना दर्द भी बेच सकता है - ऐतराज़
5. ये अदालत है, कोई मंदिर या दरगाह नहीं जहां मन्नातें और मुरादें पूरी होती हैं... यहां धूप बत्ती और नारियल नहीं... बल्की सबूत और गवाह पेश किए जाते हैं - दामिनी
6. अमेरिका में प्यार का मतलब है लेन दें... लेकिन हिंदुस्तान में प्यार का मतलब है सिर्फ देना, देना, देना - परदेस
7. तबादलो से इलाके बदलते हैं...इरादे नहीं - गर्व
8. गलती एक बार होती है, दो बार होती है... लेकिन तीसरी बार इरादा होता है - इलाका
9. घास और दुश्मनी कहीं और भी पैदा हो सकती है - शहंशाह
10. हर आदमी का कुछ न कुछ दाम होता है...दम देदो, आदमी तुम्हारा - मशाल
अमरीश पुरी ने 'इंडियाना जोन्स एंड द टेम्पल ऑफ डूम' और 'गांधी' जैसी हॉलीवुड फिल्मों में भी बेहतरीन भूमिका निभाईं. उनके पास अत्यधिक वर्सेटाइल रेंज थी, लेकिन वह शहंशाह, मिस्टर इंडिया, राम लखन, करुण अर्जुन, नायक जैसी फिल्मों में अपनी खलनायक भूमिकाओं के लिए सबसे मशहूर थे
Source : News Nation Bureau