ए आर रहमान रीमिक्स संस्कृति के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त करने वाले नए संगीतकार हैं. पिछले कुछ सालों में कई प्रतिष्ठित गीतों को फिर से बनाया गया है, ये उन लोगों के लिए काफी निराशास्पद बात है जो ओरिजनल गाने को पसंद करते हैं. एआर रहमान ने यह भी कहा कि वह रीमिक्स संस्कृति के शौकीन नहीं हैं, और खुद किसी और के काम की नकल करने के विरोधी हैं.संगीतकार द्वारा रचित नए गाने मणिरत्नम के पोन्नियिन सेलवन पार्ट 1 में सुने जाएंगे, जो 30 साल बाद फिल्म निर्माता के साथ उनके पुनर्मिलन का प्रतीक है.
रहमान ने ये भी बताया कि उन्हें और मणिरत्नम को उनके गीतों के लिए कई बार प्रशंसा भी मिली है. जब उनसे आजकल के इस रिमिक्स कल्चर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, मैं जितना ये रिमिक्स देखता हूं, उतना ये मुझे खराब लगता है.अन्य संगीतकारों द्वारा अपनी धुनों को रीमिक्स करने पर उनके विचारों के बारे में पूछे जाने पर, रहमान ने एक इंटरव्यू में बताया, "जितना अधिक मैं देखता हूं, उतना ही मुझे खराब लगता है. संगीतकार का इरादा खराब हो जाता है, लोग कहते हैं, 'मैं फिर से कल्पना कर रहा हूं. आप कौन हैं फिर से सोचो मैं किसी और मैं दूसरे के काम की नकल को लेकर काफी सजग हूं. हमें हमेशा दूसरों के काम की इज्जत करनी चाहिए और मुझे लगता है ये ग्रे एरिया है. हमें इसे ठीक करने की जरूरत है.
क्यों दिया बयान
बेशक लोग गाने का रिमिक्स बनाने से पहले परमिशन लेते हैं लेकिन आप अगर कुछ लेटेस्ट लेकर उसे दोबारा से रिमेक करेंगे तो वो बहुत ही अजीब लगता है. दरअसल ए आर रहमान का ये बयान नेहा कक्कड़ के रिमेक्स सान्ग को लेकर सामने आया है. हाल ही में नेहा कक्कड़ ने फाल्गुनी पाठक के गाने मैंने पायल है छनकाई का रिमिक्स बनाया है, जिसकी कई लोग आलोचना कर रहे हैं.
Source : News Nation Bureau