तीस साल पहले रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने के लिए जाने जाने वाले अरुण गोविल को अक्सर पर्दे पर इस रोल के लिए जाना जाता है. अक्सर स्क्रीन पर यह भूमिका निभाने वाले बेस्ट अभिनेता माने जाते हैं. इन सालों में टेलीविजन और फिल्म में रामायण कई बार दिखाई गई है, लेकिन हर बार ज्यादातर एक्टर जब स्क्रीन पर राम का किरदार निभाते हैं तो उनकी तुलना अरुण गोविल से की जाती है. राम का किरदार अरुण गोविल के लिए करियर पर ऐसा पड़ा कि इससे उन्हें सीधे आर्थिक लाभ नहीं हुआ.
अरुण गोविल को आर्थिक लाभ नहीं हुआ
राम का किरदार अरुण गोविल के लिए करियर पर ऐसा पड़ा कि इससे उन्हें सीधे आर्थिक लाभ नहीं हुआ, लेकिन प्रभाव गहरा पड़ा है. साल 1987 में अरुण को राम की भूमिका निभाने का मौका मिला. इससे पहले, उनका करियर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा था, वह कई छोटी फिल्मों में दिखाई दिए. उन्हें दूरदर्शन के शो विक्रम और बेताल में भी लीड रोल निभाई है. लेकिन रामायण में राम बनने के बाद अरुण की पूरी जिंदगी बदल गई, क्योंकि वह जहां भी जाते थे उन्हें आम तौर पर 'भगवान' ही कहा जाने लगा. लोग उनके पैरों में लेट जाते थे और उनका आशीर्वाद लेने के लिए कतार में लग जाते थे. ऐसे में एक अभिनेता के तौर पर उन्हें किसी भी तरह की किरदार करना मुश्किल हो गया.
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एक्टर ने कहा- मुझे बहुत आदर और सम्मान मिला
एक इंटरव्यू में अरुण ने कहा कि उन्हें रामायण के लिए जो रिस्पॉन्स मिला वह अच्छा और बुरा दोनों था. एक्टर ने कहा- मुझे बहुत आदर और सम्मान मिला लेकिन मैं कमर्शियल फिल्मों से पूरी तरह दूर रहा. सभी फिल्म निर्माता और निर्देशक मुझसे कहते थे कि मेरी भगवान राम की छवि इतनी मजबूत हो गई है कि वे सोचते थे कि मुझे किस भूमिका में लिया जाए.
Source : News Nation Bureau