आर्यन खान (Aryan Khan) की गिरफ्तारी के बाद सबकी निगाहें इस पर हैं कि कोर्ट क्या फैसला करेगी. आर्यन खान ने ड्रग्स का सेवन किया या नहीं, ये तो कोर्ट तय करेगी लेकिन इसी बीच आजकल की खराब पैरेंटिंग को लेकर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. युवाओं में ड्रग्स का यह मामला पहला नहीं है. इससे पहले संजय दत्त, प्रतीक बब्बर जैसे बॉलीवुड सेलिब्रिटिज यह स्वीकार कर चुके हैं कि वह
ड्रग्स के आदि रह चुके हैं. युवाओं में खासतौर से समाज के ऊंचे तबके में नशे की लत बढ़ने की खबर रोज आ रही हैं. इन घटनाओं के बढ़ने का कारण मुख्यतः खराब पैरेंटिंग को माना जा रहा है. मनोचिकित्सक डॉ. इशांत राणा कहते हैं कि समाज में युवाओं में नशे की लत बढ़ रही है. इसका मुख्य कारण खराब पैरेंटिंग है.
ऐसे में सवाल भी खड़े हो रहे हैं कि वह पेरेंट्स जिनके पास अच्छे स्कूल-कॉलेजों में पढ़ाने की सुविधा है. जो खुद पढ़े-लिखे और जागरूक हैं, उनकी पैरेटिंग खराब कैसे हो रही है. इस मामले में मनोचिकित्सक ऊषा वर्मा कहती हैं कि दरअसल, आजकल पैरेंटिंग का अर्थ लोग ज्यादा पैसे खर्च करना, बच्चों को महंगे स्कूल में पढ़ाना , सुख सुविधाएं देना समझते हैं. बच्चों और पेरेंट्स का इमोशनल टच खत्म होता जा रहा है, जिस कारण बच्चों में नशे की लत बढ़ रही है. इसी बात को डायटीशियन अंशुल टंडन भी स्वीकार करती हैं. अंशुल टंडन के अनुसार बच्चों में खराब फूड हैबिट यहां तक की शराब, ड्रग्स जैसी चीजों का सेवन बढ़ने का मुख्य कारण बच्चों और पैरेंट्स के बीच भावनात्मक लगाव कम होना है. पैरेंट्स बच्चों को पैसे तो दे रहे हैं पर समय नहीं. इस वैकेड इमोशन स्पेस भरने के लिए बच्चे गलत दिशा में जाते हैं.
सामाजिक कार्यकर्ता आभा श्रीवास्तव का कहना है कि समाज को पैरेंटिंग के मामले में ज्यादा जागरूक होना होगा तभी हमारे समाज के बच्चे नशे से दूर हो सकेंगे.
Source : News Nation Bureau