लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) और आशा भोसले (Asha Bhosle) के बीच संगीत को लेकर चर्चा नहीं होती है. आशा ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि आमतौर पर दोनों बहनों में शायद ही कभी संगीत को लेकर चर्चा होती होगी. दोनों दिग्गज गायिकाओं पर किताबें लिखी गई हैं, इसलिए क्या आशा चीजों को अगले स्तर पर ले जाते हुए उनके बारे में किसी को कोई बायोपिक बनाने दे सकती हैं? आशा ने मीडिया से कहा, 'लता दीदी और मैं शायद ही कभी संगीत पर चर्चा करते हैं. हम एक परिवार हैं और हम रोजमर्रा की बहुत सामान्य चीजों की बात करते हैं. हमारा जीवन निजी और व्यक्तिगत है, जहां तक मेरा सवाल है मैं नहीं चाहूंगी कि हम एक फिल्म का विषय बनें.'
वर्तमान में अलग-अलग अपार्टमेंट में रह रहीं दोनों बहनों में से छोटी बहन आशा ने कहा, 'वह (लता दीदी) 90 साल की हैं और अपने जीवन व परिवेश के साथ शांति में हैं.' कोरोनावायरस महामारी की रोकथाम के मद्देनजर लागू लॉकडाउन के दौरान भी आशा खुद को व्यस्त रखती आई हैं.आशा ने कहा, 'मैं अपनी गायकी कर रही हूं. घर पर व्यायाम करना, नए पकवान बनाना, फिल्में देखना और परिवार के साथ समय बिता रही हूं. मैंने अपने नए यूट्यूब चैनल को लॉन्च किया. दूसरे शब्दों में कहूं, तो मैं खुद को बहुत व्यस्त रख रही हूं.'
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वह म्यूजिक कंपोज (संगीत की रचना) भी कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने कई धुनों की रचना की है, लेकिन मैंने गीत नहीं लिखे हैं. इसके बारे में मैं प्रसून जोशी और जावेद अख्तर से कह सकती हूं, ताकि फिर इसे रिकॉर्ड करके अपने यूट्यूब पर शेयर कर सकूं.' उन्होंने 1960 से लेकर 1990 के दशक तक कई हिट रचनाएं करने वाले अपने दिवंगत पति का जिक्र करते हुए कहा, "मेरे पास दिवंगत श्री राहुल देव बर्मन की अपने पीछे छोड़ी गई कई महान धुनें हैं.'
आशा भोसले (Asha Bhosle) ने लॉकडाउन के बीच हाल ही में प्रशंसकों के साथ संवाद करने और अपने जीवन के कई दिलचस्प पहलूओं को उजागर करने के लिए अपना यूट्यूब चैनल लॉन्च किया है. 86 वर्षीय संगीतकार ने कहा, 'मेरी पीढ़ी से कोई नहीं है, जो अब उस युग का वर्णन कर सके. मेरा पहला गाना ब्रिटिश भारत में साल 1943 में रिकॉर्ड किया गया था. मैंने भारत का विभाजन देखने के साथ ही द्वितीय विश्व युद्ध, कई महामारियों और संघर्षों वाला काल देखा है. इसलिए यूट्यूब चैनल के माध्यम से बताने के लिए कई किस्से हैं.'
Source : IANS