आशा पारेख इंडस्ट्री एक बेशकीमती नगीना हैं. बड़ी आंखें, मोटा काजल और साड़ी में सजी आशा पारेख की तस्वीर आज भी दिमाग में उसी तरह छपी है. उन्होंने एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं...कुछ तो ऐसी थीं जिन्हें सिल्वर जुब्ली हिट का टैग मिला लेकिन उनका ये हिट सफर इतना आसान नहीं रहा. शुरुआत में तो एक फिल्म मेकर ने उन्हें यह कहकर रिजेक्ट कर दिया था कि वह स्टार मटीरियल नहीं हैं. उन्होंने भी कई रिजेक्शन्स का सामना किया और जब पहली फिल्म मिली तो उसमें पैसे ना के बराबर मिले. जरा सोचिए...इतनी बड़ी हिट एक्ट्रेस की पहली बार 11 रुपए की अमाउंट पर साइन किया गया था.
डायरेक्टर विजय भट्ट ने किया था रिजेक्ट
आशा पारेख ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें उनकी पहली फिल्म 'गूंज उठी शहनाई' के लिए 11 रुपए देकर साइन किया गया था. उनके मन में इस बात की खुशी थी कि हीरोइन बनने वाली हैं लेकिन एक दिन अचानक उन्हें फिल्म से बाहर कर दिया गया. फिल्म के डायरेक्टर विजय भट्ट ने उनसे कहा कि वो स्टार मटीरियल नहीं हैं. इस घटना के बाद तो आशा का खुद से भरोसा ही उठ गया था.
इस घटना के बाद हो गई थीं नवर्स
आशा बताती हैं कि इस तरह रिजेक्ट होने के बाद उनका विश्वास पूरी तरह से टूट गया था. जब वह अपनी दूसरी फिल्म के लिए ऑडिशन देने पहुंचीं तो वे बेहद नर्वस थीं. वह नासिर हुसैन की फिल्म के लिए ऑडिशन देने पहुंची थीं और उनका मुकाबला साधना से था. एक बुरा एक्सपीरियंस झेल चुकीं आशा को लगता था कि शायद एक बार फिर उन्हें निराशा ही मिलेगी लेकिन किस्मत में कुछ और ही लिखा था. साधना ऑडिशन देने के लिए पहुंच ही नहीं पाईं और इस तरह आशा को शम्मी कपूर के साथ फिल्म 'दिल देके देखो' में काम करने का मौका मिला.