गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के बाद से इंटरनेट पर एनकाउंटर, गैंग्स और मर्डर जैसे शब्द जमकर सर्च कर रहे हैं. जैसी घटना अतीक और अशरफ के साथ हुई. कुछ इसी तरह के सीन पहले फिल्मों में देखे गए हैं. जिस तरह फिल्में असल जिंदगी से इंस्पायर्ड होती हैं उसी तरह कई बार हकीकत में कुछ ऐसा हो जाता है जो कि बड़ा ही फिल्मी लगता है. अब इस डबल किलिंग को ही लीजिए. अतीक और उसके भाई अशरफ को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था लेकिन इस बीच कुछ लोगों ने इन पर गोली बारी की और मौत के घाट उतार दिया.
अशरफ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया और अतीक की जान उसके बाद गई. अगर आप इनसे परिचित नहीं तो आपको लगेगा जैसे यह कोई फिल्मी सीन हो लेकिन यह घटना असल है और इससे कई लोग काफी हैरान भी हैं. अब बात करते हैं उन फिल्मों की जो इस तरह की कहानी पर बनी हैं या जिनमें एनकाउंटर दिखाए गए हैं.
अब तक छप्पन
एनकाउंटर वाली फिल्मों का जिक्र इस फिल्म के बिना अधूरा है. साल 2004 में आई इस फिल्म में नाना पाटेकर एनकाउंटर स्पेशलिस्ट थे.
शूटआउट एट लोखंडवाला
इस फिल्म में मुंबई के लोखंडवाला इलाके की एक बिल्डिंग में शूटआउट का सीन दिखाया गया है. पुलिस इस फिल्म में माफियाओं को घेरकर उनपर गोलियां बरसाती दिखती है. इस फिल्म में दोनों के बीच एक जबरदस्त मुठभेड़ दिखाई गई थी. इस फिल्म में विवेक ओबेरॉय, तुषार कपूर, संजय दत्त, सुनील शेट्टी, अरबाज खान और अमिताभ बच्चन लीड रोल में थे.
शूटआउट एट वडाला
यह फिल्म साल 2013 में आई थी. इस फिल्म की कहानी मुंबई पुलिस के पहले एनकाउंटर पर बनी थी. यह 11 जनवरी 1982 को हुआ था. इस फिल्म में जॉन अब्राहम ने कुख्यात अपराधी मान्या सुर्वे का रोल निभाया था.
शागिर्द
तिग्मांशु धूलिया की इस फिल्म में नाना पाटेकर एक करप्ट पुलिसवाले के रोल में थे. इसमें अनुराग कश्यप ने भी काम किया था.
सहर
अरशद वारसी की इस फिल्म की कहानी यूपी और गाजियाबाद के माफिया और एनकाउंटर के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें अरशद वारसी ने एक तेज तर्रार पुलिसवाले का रोल किया था. इसमें भी खूब गोलीबारी और सस्पेंस देखने को मिला था.
एनकाउंटरः द किलिंग
इस फिल्म में नसरुद्दीन शाह अहम रोल में थे. फिल्म की कहानी एनकाउंटर से शुरू होती है और इस तरह आगे बढ़ती है कि दिलचस्पी बढ़ती ही जाती है.
वास्तव
संजय दत्त 'वास्तव' में माफिया डॉन के रोल में थे. पहले वो एक आम इंसान की तरह ही जिंदगी बिता रहा था लेकिन धीरे-धीरे अपराध की दल-दल में फंसता चला जाता है. आखिर में वह पुलिस एनकाउंटर में मारा जाता है.