हर बार उसकी जीत पर मेरी आंखों में खुशी के आंसू होते हैं : आयुष्मान खुराना के पिता
साल 2012 में आई फिल्म 'विक्की डोनर' के बाद से 'दम लगा के हईशा', 'शुभ मंगल सावधान', 'बधाई हो', 'आर्टिकल 15' और 'ड्रीम गर्ल' जैसी फिल्मों में काम कर चुके आयुष्मान के पिता का कहना है, 'अभिनय के प्रति उसका रूझान बचपन से ही रहा है
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) को हाल ही में टाइम मैग्जीन ने सौ सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल किया, अपने बेटे की इस उपलब्धि पर आचार्य पी. खुराना खुद को एक गौरवान्वित पिता के तौर पर महसूस कर रहे हैं. आयुष्मान के पिता आचार्य खुराना एक ज्योतिष हैं और इस विषय पर अपनी कई किताब भी लिख चुके हैं.
आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की इस उपलब्धि पर उन्होंने कहा, 'फिल्म 'विक्की डोनर' के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने से लेकर टाइम की 100 प्रभावशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल होने तक, हर बार आयुष्मान की जीत पर मेरी आंखों में खुशी के आंसू होते हैं. अभिनय के लिए अपने जुनून को पूरा करने के लिए मैंने उसके संघर्ष को देखा है.'
साल 2012 में आई फिल्म 'विक्की डोनर' के बाद से 'दम लगा के हईशा', 'शुभ मंगल सावधान', 'बधाई हो', 'आर्टिकल 15' और 'ड्रीम गर्ल' जैसी फिल्मों में काम कर चुके आयुष्मान के पिता का कहना है, 'अभिनय के प्रति उसका रूझान बचपन से ही रहा है. पांच साल की उम्र में वह शेक्सपियर की नाटक का हिस्सा रहा था और तब से उसमें एक्टिंग को लेकर जबरदस्त जुनून रहा है.'
पुरानी बातों को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'कॉलेज के दिनों में उसने एक एक्टिंग ग्रुप बनाया था. सेक्टर 17 में वह अपने दोस्तों के साथ नुक्कड़ नाटक भी किया करता था, हालांकि नुक्कड़ नाटक होते हुए भी इनका अपना एक स्टैंडर्ड था. आयुष्मान कॉलेज के फेस्टिवल वगैरह में भी भाग लेता था और उसे ईनाम भी मिलते थे.'