कई बार ऐसा होता है कि लोग आगे बढ़ने की होड़ में अपने ही लोगों को भूल जाते हैं, जिसकी कीमत उन्हें खोकर चुकानी पडती है. आज हम ऐसे ही एक एक्टर का जिक्र करेंगे, जिन्होंने अपने काम के चलते अपने जीवन साथी को छोड़ दिया था और इस चीज के लिए उन्हें ताउम्र पछतावा रहा. हम बात कर रहे हैं सईद जाफरी की, जिनका जन्म (Saeed Jaffrey B'Day) 8 जनवरी 1929 को पंजाब के मलेरकोटला में हुआ था. उन्होंने शुरुआती पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के मिन्टो सर्कल स्कूल से की थी, जिस वजह से एक्टर को उर्दू का अच्छा खास ज्ञान था. सईद जब 10 साल के थे, तब उन्होंने स्कूल में एक प्ले में एक्टिंग की थी, जिसके बाद से उन्होंने एक्टर बनने का सपना पाल लिया था. आज एक्टर का जन्मदिन है इसलिए हम उनके उन किस्सों का जिक्र करेंगे, जिससे शायद आप अभी तक अंजान हैं.
यह भी पढ़ें : Yash Birthday : भीड़ से अलग दिखने के लिए यश ने चुना था अपना नाम, साधारण परिवार से आए थे पहचान बनाने
आपको बता दें कि एक्टर ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. और फिर अपने सपनों का पीछा करने की होड़ में लग गए. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने खुलासा किया था कि उन्हें ब्रिटिश कल्चर काफी ज्यादा पसंद था. यही कारण था कि उनका और उनकी पत्नी का रिश्ता हमेशा - हमेशा के लिए टूट गया था. हुआ यूं कि वो अपनी पत्नी महरुनिमा को ब्रिटिश कल्चर में ढालना चाह रहे थे, लेकिन वो उनके हिसाब से खुद को नहीं ढाल पाईं. और फिर दोनों का तलाक हो गया.
बता दें कि सईद और महरुनिमा की कहानी यहीं नहीं खत्म हुई थी. कई अरसों बाद उन्हें महरुनिमा का चेहरा एक मैगजीन में देखने को मिला, जिसे देखकर वो काफी ज्यादा हैरान हो गए थे. मैगजीन के आर्टिकल में लिखा था फेमस शेफ मधुर जाफरी ने अपनी रेसिपी बुक लॉन्च की. इन शब्दों को पढ़ने के बाद एक्टर को अपनी आंखों पर यकीन हुआ. इसके बाद सईद महरुनिमा से मिलने पहुंच गए. महरुनिमा के बच्चों ने जानकारी दी कि उनके नए पिता ने ही उनके अंदर इतने सारे बदलाव किए हैं. यह सबकुछ जानने के बाद सईद ने महरुनिमा का गुनहगार हमेशा खुद को समझा. हालांकि महरुनिमा इन चीजों से काफी आगे बढ़ गईं थी.
HIGHLIGHTS
- सईद जाफरी का जन्म 8 जनवरी 1929 को पंजाब के मलेरकोटला में हुआ था.
- सईद ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अपना ग्रेजुएशन पूरा किया.
- सईद को उर्दू का अच्छा खास ज्ञान था.