Birthday Special: रेनकोट और चोखेर बाली फिल्में बनाने वाले इस निर्देशक का आज है जन्मदिन

उनकी फिल्मों में यह ताकत है जो दर्शकों को फिल्म से पूरी तरह बांध देती है। दर्शकों को ऐसा लगता है जैसे उनकी फिल्मों के किरदार उनके पास से उठ कर अभिनय करने लगे हैं।

author-image
arti arti
एडिट
New Update
Birthday Special: रेनकोट और चोखेर बाली फिल्में बनाने वाले इस निर्देशक का आज है जन्मदिन

निर्देशक ऋतुपर्णो घोष (photo: wikipedia)

Advertisment

'रेनकोट', 'द लास्ट लियर' और 'चोखेर बाली' जैसी अद्वितीय फिल्में बनाने वाले निर्देशक ऋतुपर्णो घोष का आज जन्मदिन है। उनका जन्म 31 अगस्त,1963 में कलकत्ता, पश्चिम बंगाल में हुआ था। अपनी फिल्मों में बहुआयामी किरदारों का चित्रण करने वाले ऋतुपर्णो खुद भी अनेक विधाओं में माहिर थे। वह गीतकार, लेखक, निर्देशक और एक्टर थे। बंगाली सिनेमा में योगदान सराहनिय है।

बंगाली सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत उन्होंने 1992 फिल्म 'Hirer Angti' के निर्देशन से की। 1994 में उनके निर्देशन में बनी दूसरी फिल्म 'Unishe April' को 1995 में नेशनल अवार्ड से सम्मानित किया गया था। उनकी अगली फिल्म रही धासन जिसे आलोचकों ने बहुत सराहा। इस फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला के इर्द गिर्द घूमती है, जिसे कोलकाता की सड़कों पर उत्पीड़ित किया जाता है और फिर आगे किस तरह उसे न्याय मिलता है।

उनकी फिल्मों के किरदार हमारे और आपके बीच से ही होते थे। उनकी फिल्मों में यह ताकत है जो दर्शकों को फिल्म से पूरी तरह बांध देती है। दर्शकों को ऐसा लगता है जैसे उनकी फिल्मों के किरदार उनके पास से उठ कर अभिनय करने लगे हैं। उनकी फिल्म की ताकत सच्ची कहानी, ईमादार किरदार हैं। उन्होंने समाज में प्रतिबंधित विषयों पर भी अपनी फिल्मों के जरिये खुल कर विचार रखे। गायक, लेखक, एक्टर के तौर पर उनके कार्य समाज को आइना दिखाने का काम करते हैं।

फिल्में बनाने के साथ -साथ 'कथ देथिली मा', 'अरेक्टी प्रेमर गोल्पो', 'मेमोरिज ऑफ मार्च', 'चित्रांगदा' फिल्मों में उन्होंने अपने अंदर के बेहद खूबसूरत और मंझे हुए कलाकार का भी परिचय दिया है।

यहां पढ़ें अमृता प्रीतम की प्रेम कहानी और साहित्य में उनका सफर.....

यहीं नहीं वह साल 1997-2003 तक बंगाली फिल्म पत्रिका आनंदलोक के संपादक रहे। साल 2006 से साल 13 मई 2013 में मृत्यु तक रोबार मैग्जीन 'संघबाद प्रतिदिन' का भी संपादन किया। साल 2013 में कम उम्र में ही हर्ट अटैक से उनकी मृत्यु हो गई, जिससे बंगाली सिनेमा का बड़ा नुकसान हुआ। बंगाली और हिंदी सिनेमा मेें उनका योगदान सराहनीय है।

Source : News Nation Bureau

birthday special Rituparno Ghosh Bangali Cinema Raincoat chokherBali
Advertisment
Advertisment
Advertisment