Birth Anniversary: गजल से जग जीतने वाले जगजीत सिंह की 10 सदाबहार गजलें
यहां हम आपके लिए लाए हैं आवाज के जादूगर (Voice Magician) गजल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh) के नगमों में से वो 5 नगमें जो हमेशा लोग सुनना पसंद करते हैं और जिन्हें सुनकर लोग अपनी यादों में खो जाते हैं.
दुनियाभर में 'प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है' जैसी सैकड़ों गजलों को अमर कर देने वाले आवाज के जादूगर (Voice Magician) गजल सम्राट जगजीत सिंह (Jagjit Singh) की आज बर्थ एनिवर्सरी है. आज भी जगजीत सिंह की गजलों को सुनकर लगता ही नहीं कि वो हमारे बीच नहीं हैं. उनके द्वारा गाए हुए गाने और गजलें हमेशा उन्हें जिंदा रखेंगी. 8 फरवरी 1941 को राजस्थान के श्रीगंगानगर में जन्में जगजीत सिंह (Jagjit Singh) का असली नाम जगमोहन धीमान था. मखमली आवाज से गीतों और गजलों को हमेशा के लिए अमर कर चुके जगजीत सिंह ने अपने करियर में 150 से ज्यादा अलबम बनाए हैं. यहां हम आपके लिए लाए हैं उनके नगमों में से वो 5 नगमें जो हमेशा लोग सुनना पसंद करते हैं और जिन्हें सुनकर लोग अपनी यादों में खो जाते हैं.
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
ये दौलत भी ले लो
होश वालों को खबर क्या
चिट्ठी न कोई संदेश
तुमको देखा तो ये ख्याल आया
जब सामने तुम आ जाते हो
गम का खजाना तेरा भी है मेरा भी
कहीं कहीं से हर चेहरा
ये तेरा घर ये मेरा घर
कल चौदवीं की रात थी
बचपन से ही जगजीत सिंह (Jagjit Singh) को संगीत में रुचि थी. उन्होंने उस्ताद जमाल खान और पंडित छगनलाल शर्मा से संगीत की शिक्षा-दीक्षा हासिल की थी. जगजीत सिंह (Jagjit Singh) ने जालंधर के डीएवी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली और इसके बाद कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से उन्होंने इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और 1965 में सपनों की नगरी मुंबई पहुंच गए. मुंबई में जगजीत सिंह (Jagjit Singh) के शुरुआती दिन काफी मुश्किलों भरे रहे उन्हें पहचान मिली चित्रा सिंह के साथ आए एल्बम 'द अनफॉरगेटेबल' से. जिसके बाद वो सफलता की सीढ़ी चढ़ते चले गए. 10 अक्टूबर 2011 को भारत ने जगजीत सिंह के रूप में एक बेहतरीन गायक खो दिया.