'इन आंखों की मस्ती के मस्ताने हज़ारों हैं' उमराव जान का ये मशहूर गाना बेशक आशा भोसले ने गाया हो मगर इसे सुनने वालों के जेहन में सबसे पहले फिल्म जगत की सबसे खूबसूरत अदाकारा रेखा का दिलकश चेहरा ही आता है.
रेखा का जन्म 10 अक्टूबर, 1954 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था. बेशक रेखा अपने इस जन्मदिन पर 66 साल की हो गईं हैं मगर उनकी खूबसूरती आज भी एवरग्रीन मानी जाती है.
रेखा का करियर:
उनको मिली शौहरत और पहचान से रेखा खुश नहीं थीं. रेखा ने एक शो में कहा था कि वह 13 साल की उम्र में अभिनेत्री नहीं बनना चाहती थीं. मगर शायद उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. रेखा की मां पुष्पावल्ली तमिल फिल्मों में अदाकारा थीं. जब उनकी मां का करियर ढलान पर आया तो पूरा परिवार कर्ज़ में डूब गया. बचपन में रेखा को स्कूल छोड़कर कर्ज़ चुकाने के लिए फिल्मों में काम करना पड़ा. उन्होंने तमिल फिल्म में काम करना शुरू किया. छोटी सी रेखा जब काम करके थक जाती थीं और काम करने से मना करती थीं तो उनके भाई उनको मारते थे. कड़ी मेहनत के बाद उनका करियर हमेशा सफलता के चरम पर रहा. यही नहीं रेखा को पहले काली-कलूटी और नमूना कहकर चिढ़ाया जाता था लेकिन रेखा ने ठाना कि वो रुकेंगी नहीं.
1968 में बतौर हिरोइन रेखा की पहली तेलगु फिल्म 'रंगुला रतलाम' आई. 1970 में बॉलीवुड में रेखा को फिल्म ‘सावन भादो’ में पहला ब्रेक मिला, ये फिल्म सुपरहिट साबित हुई. फिल्म 'अंजाना सफ़र' में ही उन्हें ज़बरदस्ती हीरो बिस्वजीत के साथ एक किसिंग सीन करना पड़ा. इस सीन के बारे में उन्हें पहले से नहीं पता था. लगभग 5 मिनट तक चले इस सीन के दौरान उनकी आंखें नम थीं. सेंसर बोर्ड ने इस सीन को हटाने की कोशिश की. जिसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया और कोर्ट ने खोसला कमिटी बनाई. जिसने जांच के बाद कहा कि 'किसिंग सीन 2 लोगों का निजी मामला है. अगर उन दोनों को इसमें कोई आपत्ति नहीं तो किसी तीसरे को भी नहीं होनी चाहिए'. ये सीन बाद में एक मशहूर मैगजीन का हिस्सा बना और रेखा को बहुत पब्लिसिटी मिली.
गौरतलब है कि रेखा जिंतेंद्र और मुमताज की बहुत बड़ी फैन थीं. जितेंद्र की शूटिंग देखने के लिए तो उन्होंने पुलिस के डंडे भी खाए थे. रेखा की बात हो और अमिताभ बच्चन का जिक्र न हो, ये तो नामुमकिन है. क्या आप जानते हैं कि रेखा और अमिताभ बच्चन ने पहली बार एक साथ फिल्म 'दुनिया का मेला साइन' की थी लेकिन इस फिल्म से अमिताभ को निकाल दिया गया क्योंकि उनकी शुरुआती फिल्में फ्लॉप रहीं थीं.
1976 में दो अंजाने की शूटिंग के दौरान अमिताभ-रेखा के अफेयर की ख़बरें आने लगीं. जिसके बाद से इस तरह की ख़बर हर फिल्म मैगज़ीन की सुर्खियों में सबसे ऊपर जगह बनाने लगी थी. 'खून पसीना', 'गंगा की सौगंध', 'मुकद्दर का सिकंदर' और 'मिस्टर नटवरलाल' जैसी फिल्मों की कामयाबी ने इन्हें बॉलीवुड की सबसे मशहूर जोड़ी बना दिया.
रेखा के सिंदूर लगाने पर हंगामा
1980 में ऋषि कपूर-नीतू के रिसेप्शन में रेखा मांग में सिंदूर भरकर पहुंची तो बवाल हो गया. वहां मौजूद लोग मांग में सिंदूर देखकर ये कयास लगाने लगे थे कि शायद रेखा ने शादी कर ली. 1984 में फिल्मफेयर मैगज़ीन को दिए इंटरव्यू में रेखा ने कहा- 'मेरी बातों से किसी को कोई ख़ास फर्क नहीं पड़ना चाहिए क्योंकि मैं दूसरी औरत हूं.'
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रेखा को कई सम्मान और पुरस्कारों से नवाज़ा गया:
1981: फ़िल्म 'खूबसूरत'- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फ़िल्मफेयर अवार्ड.
1982: फ़िल्म 'उमराव जान'- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार.
1985: फ़िल्म- 'उत्सव'- सर्वश्रेष्ठ हिंदी अभिनेत्री के लिए बंगाल फ़िल्म संवाददाता संघ अवार्ड.
1989: फ़िल्म- 'खून भरी मांग'- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए फ़िल्मफेयर अवार्ड.
1997: फ़िल्म- 'खिलाड़ीयों का खिलाड़ी'- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए फ़िल्मफेयर अवार्ड और सबसे अच्छी खलनायिका के लिए स्टार स्क्रीन अवार्ड.
2003 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड.
2004: फ़िल्म- 'कोई मिल गया'- सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री के लिए बॉलीवुड फ़िल्म अवार्ड.
2010 में पध्मश्री अवार्ड.
2016 में दुबई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड.
2018 में मुंबई में लक्स गोल्डन रोज़ अवार्ड.
2018 में ANR नेशनल अवार्ड.
Source : Bhasha/News Nation Bureau