बॉलीवुड अभिनेता जितेंद्र (Jeetendra) हिंदी सिनेमा में अपने अलग स्टाइल और अभिनय के लिए जाने जाते हैं. 80 के दशक में उन्होंने बॉलीवुड की कई फिल्मों में अलग-अलग अंदाज में डांस कर दर्शकों के दिलों को खूब जीता है. जयप्रदा (Jaya prada) और श्रीदेवी (Sridevi) जैसी लीजेंड एक्ट्रेस के साथ जितेंद्र (Jeetendra) की स्क्रीन पर जबरदस्त केमिस्ट्री देखने को मिलती थी. 7 अप्रैल 1942 को पंजाब के अमृतसर में पैदा होने वाले जीतेंद्र फिल्मों में सफलता का दूसरा नाम बन गए थे. आज हम आपको जितेंद्र (Jeetendra) के जीवन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से बताने जा रहे हैं.
असली नाम रवि कपूर है
जितेंद्र (Jeetendra) का असली नाम रवि कपूर है. फिल्मों में आने के बाद उन्होंने अपना नाम बदला था. जीतेंद्र के पिताजी और चाचा दोनों ही फिल्मों में ज्वैलरी सप्लाई करने का काम करते थे. जब कॉलेज में थे तभी उनके पिता को हार्ट अटैक आया था. पिता के बीमार होने पर घर चलाने में दिक्कत आने लगी. ऐसे में जितेंद्र ने अपने चाचा से फिल्ममेकर व्ही शांताराम से मिलने की गुजारिश की. जितेंद्र ने शांताराम से मिलकर उनसे फिल्मों में काम मांगा, लेकिन शांताराम ने उनको साफ इंकार कर दिया था.
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'नवरंग' से किया डेब्यू
उसके कुछ ही दिनों बाद शांताराम ने अपनी तरफ से जितेंद्र से संपर्क किया. उन्होंने जितेंद्र को एक फिल्म में जुनियर आर्टिस्ट का काम दिया. जितेंद्र को पैसों को काफी जरूरत थी, इसलिए उन्होंने उनके काम को स्वीकार कर लिया. शांताराम ने स्क्रीन टेस्ट लिया. इस टेस्ट में जितेंद्र ने 30 टेक के बावजूद डायलॉग ठीक से नहीं बोला था. उनकी इस फिल्म का नाम था 'नवरंग'. 'नवरंग' से ही जितेंद्र ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी.
एक चॉल में बिताए जीवन के 20 साल
जितेंद्र अपनी जिंदगी की शुरूआती दौर में मुंबई के एक चॉल में रहा करते थे. इस चॉल का नाम ‘श्याम सदम चॉल’ था. इस चॉल में उन्होंने अपनी जिंदगी के करीब 20 साल गुजारे थे. इस बीच उनको 'नवरंग' में काम करने का मौका मिला. इस फिल्म में उनको काफी छोटा रोल मिला था. इसलिए फिल्म इंडस्ट्री में उनकी कोई पहचान नहीं बन पाई. नवरंग के बाद एक बार फिर से उनको काम मिलना बंद हो गया था. करीब पांच सालों तक जीतेंद्र ने इंडस्ट्री में अभिनेता के रूप में काम पाने के लिए संघर्ष किया था.
'गीत गाया पत्थरों ने' से बदली किस्मत
साल 1964 में फिल्म 'गीत गाया पत्थरों ने' में जितेंद्र को मुख्य अभिनेता बनने का अवसर मिला. इसके बाद जीतेंद्र ने धीरे-धीरे बॉलीवुड में अपनी खास और अलग जगह बना ली. उन्होंने लगभग 250 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है जिनमें कई सुपरहिट रही हैं. अभिनेता के साथ उन्होंने निर्माता और निर्देशक के तौर पर भी काम किया और सुर्खियां बटोरीं.
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हेमा मालिनी को पसंद करते थे जितेंद्र
जितेंद्र की जिंदगी में एक वक्त ऐसा आया जब वो बॉलीवुड के सबसे सक्सेस एक्टर बन गए थे. उनकी शोहरत का आलम ये था कि वे जिस भी फिल्म में काम करते थे वो हिट हो जाती थी. उन दिनों हेमा मालिनी भी बॉलीवुड में कदम रख चुकी थीं, और युवा दिलों की धड़कन बन चुकी थीं. कहते हैं कि जितेंद्र भी हेमा मालिनी पर अपना दिल हार बैठे थे. जितेन्द्र ने अपनी मां को हेमा की मां से मिलने तक भेज दिया था. लेकिन हेमा की मां बेटी के फैसले के साथ रहना पसंद करती थीं.
उस दौर में धर्मेंद्र और हेमा मालिनी की जोड़ी ने कई हिट फिल्में दीं. और हेमा को धर्मेंद्र पसंद थे. इसलिए धर्मेंद्र से प्यार की लड़ाई में जितेंद्र हार गए थे. हेमा को गंवाने के बाद जितेंद्र अपनी पुरानी गर्लफ्रेंड शोभा सिप्पी को भी नहीं गंवाना चाहते थे. इसलिए साल 1974 में जितेंद्र भी शोभा के साथ शादी कर ली. आज जितेंद्र के दोनों बच्चे एकता कपूर और तुषार कपूर आज फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. एकता काफी बड़ी प्रोड्यूसर बन चुकी हैं. तो वहीं तुषार अपने करियर के उतार-चढ़ाव से अभी भी गुजर रहे हैं.
श्रीदेवी के साथ अफेयर की चर्चे उड़े
साल 1983 में’हिम्मतवाला’ रिलीज हुई. फिल्म में श्रीदेवी जितेंद्र नजर आए. कहते हैं कि श्रीदेवी फिल्म के पहले से ही जितेंद्र की बहुत बड़ी फैन थीं. श्रीदेवी के फिल्म के कास्ट होने की बात शोभा तक भी पहुंच गई थी. जिससे दोनों के बीच तनाव आ गया था. ऐसे में जितेंद्र ने घर बुलाकर श्रीदेवी को अपनी पत्नी से मिलवाया था. इसी के बाद से जितेन्द्र और श्रीदेवी के रिश्ते में खटास आ गई थी.
HIGHLIGHTS
- जितेंद्र का असली नाम रवि कपूर है
- हेमा मालिनी को पसंद करते थे जितेंद्र
- श्रीदेवी के साथ अफेयर की चर्चे उड़े