कुछ एक या दो सालों से हिंदी सिनेमा (Bollywood Loss) को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. हैरानी तो तब हुई लोगो को कि फिल्म इंडस्ट्री को 80 % तका घाटा सहना (Bollywood Loss) पड़ा है. जिस वजह से फिल्म निर्माता काफी ज्यादा परेशान हैं. वैसे भी महामारी ने भी कई सारे बिजनेस की कमर तोड़ दी है. लोगो को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा. इसलिए फिल्मी दुनिया (Bollywood Loss) की तरफ से लगातार ये गुहार लगाई जा रही है कि टैक्स ब्रेक, इंसेटिव्ज, लोन मोरेटेरियम और टिकट पर GST कम करने जैसे कदमों को उठाया जाए. हालांकि सरकार इसपर कितना कदम उठाती है इसपर लोगो की नजर टिकी हुई है. सरकार की तरफ से मांगे गए सुझावों में प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (PGI) की तरफ से कई मुद्दों पर अपनी मांग रखी है.
प्रोड्यूसर्स गिल्ड नितिन तेज आहूजा -
आपको बताते चले कि प्रोड्यूसर्स गिल्ड के नितिन तेज आहूजा ने बताया कि एक और लंबे अरसे से तैयार फिल्मों की रिलीज में देरी हुई. दूसरी ओर प्रोडक्शन में भी देरी हुई और खर्चे बढ़े. इस कारण लिक्विड कैपिटल काफी फंसी है. फिल्में रुकने से तो नुकसान हुआ ही पर साथ में कोविड़ प्रोटोकोल्स का पालन, सेनिटाइजेशन, टेस्टिंग, कोविड इंश्योरेंस, लोकेशन में बदलाव और समय की पाबंदियो की वजह शूटिंग की अवधि बढ़ जाने से प्रोडक्शन कॉस्ट भी बढ़ी. यह सब डेड एक्सपेंडिचर हैं क्योंकि इनसे फिल्म की कमर्शियल वैल्यू में कोई बढ़ोतरी नहीं होती.
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फिल्म इंडस्ट्री में एक चर्चा यह है कि ‘83’ जैसी फिल्मों की उम्मीद से कम कमाई की एक वजह टिकट के बेहद महंगे दर हैं. फिलहाल 100 रुपये से ज्यादा की टिकट पर 18% और 100 रुपये से कम टिकट पर 12% GST है. अगर यह दर कम हो तो एक्जिबिटर्स का कर बोझ कम होगा. इससे दर्शकों को कम कीमत पर फिल्म देखने को मिलेगी. साथ साथ प्रोड्यूसर्स को भी एक्जिबिटर्स से ज्यादा हिस्सा मिल पाएगा. इस तरह सारी इंडस्ट्री को लाभ पहुंचेगा. फिल्म प्रोड्यूसर्स का एक और संगठन इंडियन मोशन पिक्चर्स प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (इम्पा) इससे पहले ही वित्त मंत्रालय को फिल्म उद्योग के लिए GST हटाने की या रेट कम करने की मांग उठा चुका है.