ड्रग्स मामले में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) और उनके भाई शौविक की जमानत अर्जी पर बॉम्बे हाईकोर्ट में आज करीब पौने 7 घंटे तक सुनवाई चली. बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है. आज कोर्ट ने रिया चक्रवर्ती, उनके भाई शौविक चक्रवर्ती, सैमुअल मिरांडा और दिलीप सावंत और कथित ड्रग पेडर अब्देल बासित पाराशर की जमानत याचिका पर सुनवाई की. न्यायमूर्ति एस वी कोतवाल ने सुबह 11 बजे से शाम 6.45 बजे तक सुनवाई की, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया.
वहीं एक्ट्रेस रिया के वकील ने सतीश मानशिंदे ने एनसीबी (NCB) के जांच अधिकार पर भी सवाल उठाया है. सतीश मानशिंदे का कहना है किएनसीबी (NCB) के पास मामले की जांच करने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है, क्योंकि उन्हें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुसार मामले को सीबीआई को स्थानांतरित करना था. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुशांत की मौत से जुड़े सभी मामलों की सीबीआई (CBI) जांच होनी चाहिए.
एनसीबी (NCB) के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा बॉम्बे हाईकोर्ट में दायर एक हलफनामे में रिया ने बयान दिया है कि उन्होंने सैमुएल मिरांडा और दीपेश सावंत को उन ड्रग्स के पैसे चुकाए हैं, जिन्हें बाद में सुशांत को सेवन के लिए दिया गया. एनसीबी ने कहा कि यह साफ है कि जिन ड्रग्स के लिए पैसे चुकाए गए थे, वे निजी उपयोग के लिए नहीं थे बल्कि ऐसा किसी और को इनकी आपूर्ति कराए जाने के लिए किया गया और यह एनडीपीएस 1985 की धारा 27ए के तहत आता है. एनसीबी ने एक हलफनामे में कहा है कि जांच एक महत्वपूर्ण चरण में है और अगर इस वक्त रिया को जमानत मिल जाती है, तो इससे छानबीन बाधित होगी. एनसीबी ने कहा कि रिया मादक पदार्थो की तस्करी में शामिल रही है, यह साबित करने के लिए कई सबूत हैं. वह ड्रग पहुंचाने के काम में न सिर्फ मदद देती थीं बल्कि क्रेडिट कार्ड, नकद और ऐसे ही कई माध्यमों से इनका भुगतान भी करती थीं.