मुंबई के पूर्वी उपनगर चेम्बूर में एक चौक है, जिसका नामकरण बॉलीवुड निर्माता सुरिंदर कपूर के नाम पर किया गया है, जो अभिनेता अनिल कपूर, संजय कपूर व निर्माता बोनी कपूर के पिता हैं. कपूर परिवार के सभी सदस्यों ने मिलकर इस चौराहे का अनावरण किया और इस मौके पर बोनी कपूर ने कहा कि उनके परिवार के समस्त सदस्य दिल से 'चेम्बूरवासी' हैं.
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बोनी ने बताया, "पिता के साथ मेरी कई यादें हैं. चेम्बूर में जहां हम पले-बढ़े, वहां हमारे पड़ोसी उन्हें एक जिंदादिल, सम्माननीय व खुश मिजाज इंसान के रूप में जानते हैं. उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती थी. एक फिल्म निर्माता के तौर पर उन्हें अपनी जिंदगी के एक समय में काफी संघर्ष करना पड़ा था. मैंने उन्हें कभी उदास या गुस्से में नहीं देखा. वह अपनी सभी परेशानियों को मुस्कान के साथ झेलते थे और यही हम भाइयों की भी विशेषता है."
उन्होंने कहा, "जिंदगी हमारे लिए कभी आसान नहीं रही, लेकिन मेरे पिता का मानना था कि बुरी परिस्थिति से निपटने के लिए किसी का नकारात्मक होना जरूरी नहीं." बोनी ने विभाजन के बाद पेशावर से अपने पिता के सफर को याद किया कि किस तरह से पृथ्वी राज कपूर ने उनका नेतृत्व किया, किस तरह से 'हम पांच', 'वो सात दिन', 'जुदाई', 'पुकार', 'नो एंट्री' और 'सिर्फ तुम' जैसी फिल्में बनाने से पहले उन्होंने 'मुगल-ए-आजम में एक सहायक के तौर पर काम किया था.
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बोनी ने कहा, "पापाजी सन 1952 में भारत आए. वह एक सोशलिस्ट थे, ऐसे में जब कभी उन्हें कोई काम मिलता, वह उस जगह कर्मचारियों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते थे और इसके चलते उन्हें काम से निकाल दिया जाता था. मेरे दादाजी इस वजह से परेशान रहते थे, तो उन्होंने बड़े पापाजी (पृथ्वी राज कपूर) को उन्हें अपने साथ रखने के लिए कहा."
चेम्बूर के बारे में क्या खास है? इसके जवाब में बोनी ने कहा, "अपनापन है एक, ये कैसे समझाऊं?" बोनी ने उनके दिवंगत पिता को सम्मानित करने के लिए चेम्बूरवासियों सहित सफल ग्रुप के अध्यक्ष संजय असरानी व सांसद राहुल शेवले का शुक्रिया अदा किया.
Source : IANS