फिल्मकार फरहान अख्तर, अनुराग कश्यप और अदिति राव हैदरी सहित हिंदी फिल्म उद्योग की हस्तियों ने गुरुवार को मुंबई के क्रांति मैदान में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया. सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ता, छात्र और बॉलीवुड हस्तियां शामिल हुईं. प्रदर्शन में जो अन्य लोग शामिल हुए उनमें निर्देशक कबीर खान, उनकी प्रस्तोता पत्नी मिनी माथुर, निर्देशक नीरज घायवान, निखिल आडवाणी, राकेश ओमप्रकाश मेहरा, अनुभव सिन्हा और अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अभिनेता जावेद जाफरी, दानिश हुसैन, अर्जुन माथुर और सुशांत सिंह भी शामिल थे.
अनुराग कश्यप ने ट्विटर से दूरी बनाने के लिए स्वयं पर लगाए प्रतिबंध को सीएए के खिलाफ आवाज उठाने के लिए तोड़ दिया. दिल्ली के कई इलाकों में धारा 144 लगाने और इंटरनेट स्थगित होने की पृष्ठभूमि में उन्होंने ट्वीट किया, ‘इंटरनेंट, मेट्रो बंद कर, लोगों को गिरफ्तार कर...आप केवल शुतुरमुर्ग बन रहे हैं. आवाज और तेज होगी. #आपातकाल 2019. एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा, ‘आपने राजधानी में इंटरनेट बंद कर दिया, आप ने मेट्रो रोक दी. यह सरकार का डर है जिसका एकमात्र एजेंडा चुनाव जीतना है.’
सिन्हा ने भी राष्ट्रीय राजधानी में इंटरनेट बंद करने की आलोचना की. अभिनेता मोहम्मद जीशान आयूब ने लोगों से अपील की कि वे घरों से निकले और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी आवाज उठाएं. उन्होंने ट्वीट किया, ‘साथियों, आज का दिन बहुत जरूरी है हमारे मुल्क के लिए. पूरा देश मिल के सामने आ रहा है. हमें रोकने कि कोशिश की जाएगी. भड़काने की भी. पर हमें अपनी बात कहनी है, शांति से, एक साथ. आवाज दो.
अभिनेता-फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने अगस्त क्रांति मैदान में पत्रकारों से कहा, ‘देश का नागरिक होने और एक ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसने भारत के एक विचार के साथ जन्म लिया और बड़ा हुआ, यह महत्वपूर्ण है कि मैं अपनी आवाज उठाऊं. अगर सब कुछ ठीक है तो क्यों इतने लोग विरोध कर रहे हैं?. यह केवल मुंबई में नहीं बल्कि दिल्ली, असम, बेंगलुरु और हैदराबाद में भी हो रहा है.’
मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी और निर्देशक हंसल मेहता ने कहा कि वे शहर में नहीं हैं, लेकिन प्रदर्शन में छात्रों के साथ है. गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने इतिहासकार रामचंद्र गुहा के साथ पुलिस की कथित बदसलूकी की निंदा की, जिन्होंने बेंगलुरु में निषेधाज्ञा तोड़ी और प्रदर्शन में शामिल हुए. अख्तर ने ट्वीट किया, ‘मैं महान बुद्धिजीवी माननीय रामचंद्र गुहा की गिरफ्तारी का विरोध करता हूं.
उन्होंने आगे कहा कि यह महान भारत देश संकीर्ण राजनीतिक विचारों से ऊपर है. कुछ लोग सहमत नहीं हो सकते हैं, लेकिन उनकी आवाज को खामोश करने की कोशिश राष्ट्रीय शर्म है. हम कहां जा रहे हैं?. जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सबसे पहले आलोचना करने वाले हॉलीवुड अभिनेता जॉन कुसैक लगातार भारत में हो रहे प्रदर्शनों को लेकर ट्वीट कर रहे हैं.
Source : Bhasha