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कनाडाई पत्रकार को भी पसंद आई 'सुपर 30', बांधे तारिफों के पुल

सुपर 30 एक सच्ची कहानी पर आधारित है. फिल्म का ट्रेलर चार जून को रिलीज हो चुका है, जबकि फिल्म 12 जुलाई को रिलीज होगी.

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Vivek Kumar
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कनाडाई पत्रकार को भी पसंद आई 'सुपर 30', बांधे तारिफों के पुल

बिहार की राजधानी पटना के चर्चित शिक्षण संस्थान सुपर 30 के संस्थापक और गणितज्ञ आनंद कुमार की जीवनी पर बनी फिल्म 'सुपर 30' लगातार सुर्खियों में है. चार दिन पहले फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद ऋतिक रोशन अपने दमदार अभिनय के लिए तारीफें बटोर रहे हैं. ट्रेलर रिलीज होने के 72 घंटे के अंदर ही 3.36 करोड़ से ज्यादा लोग इसे देख चुके हैं. फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे ऋतिक समाज के वंचित तबके के बच्चों के लिए सुपर 30 की शुरुआत करते हैं. इसके बाद वह छात्रों को आईआईटी-जेईई के लिए तैयार करते हैं.

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हाल ही में कनाडाई अखबार 'द ग्लोब एंड मेल' के लैटिन अमेरिकी रिपोर्टर (संवाददाता) स्टीफेनी नोलन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर बताया है कि सुपर 30 की प्रेरणा कहां से मिली.

ट्विटर पर नोलन ने बताया, "मैंने वर्ष 2011 में बिहार के एक स्कूल पर स्टोरी बनाई थी. खबर देखकर वैंकुवर में रहने वाले एक डॉक्टर ने स्कूल के मुख्य शिक्षक से संपर्क किया और एक किताब लिखने की इच्छा जताई. वही किताब फिल्म 'सुपर 30' की प्रेरणा बनी." नोलन ने ट्विटर पर अपनी स्टोरी का लिंक भी शेयर किया है.

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सुपर 30 के सभी 30 छात्र भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) प्रवेश परीक्षा पास करते हैं और इसके चलते कार्यक्रम को हर साल सुर्खियां मिलती रही. सच्चाई यह है कि खुद आनंद कुमार औपचारिक शिक्षा नहीं ले पाए, हालांकि 1994 में उन्हें कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के लिए चुना गया था. परंतु, पिता की मृत्यु के बाद परिवार का पेट भरने के लिए मां द्वारा तैयार किए गए पापड़ को उन्होंने शहर, गांव की गलियों में बेचना शुरू किया.

नोलन ने कहा कि गरीब छात्रों को मुफ्त शिक्षा देने के उनके इरादे को कमजोर करने के लिए आनंद कुमार को मारने की धमकियां तक मिली और उन्हें बिहार पुलिस से सुरक्षा लेनी पड़ी. इसके बावजूद आनंद अपने इरादों पर टिके रहे.

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सुपर 30 एक सच्ची कहानी पर आधारित है. फिल्म का ट्रेलर चार जून को रिलीज हो चुका है, जबकि फिल्म 12 जुलाई को रिलीज होगी.

Canadian journalist Hrithik Roshan story Super 30
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