बॉलीवुड ने भले ही कई सुपर स्टार दिए हों, लेकिन इंडस्ट्री में आज भी कई ऐसे काबिल कलाकार हैं, जिन्होंने अपने एक्टिंग करियर में काफी मेहनत की, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में वो पहचान नहीं मिली जिसके वो हकदार थे. आज इस लेख में हम कुछ ऐसे सेलेब्रिटीज के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्हें ओटीटी स्ट्रीमिंग के आने के बाद पहचान मिली. हिंदी फिल्म जगत में देर से सही लेकिन इन कलाकारों को सही हिस्सेदारी मिली, जिन्होंने सफल होने के लिए जी जान लगाकर मेहनत की.
इन कलाकारों में मनोज बाजपेयी, करिश्मा तन्ना जैसे अभिनेता शामिल है. वहीं हंसल मेहता और प्रदीप सरकार जैसे डायरेक्टर शामिल है. जिन्होंने अपने करियर में मुश्किलों का सामना करने के बावजूद भी कभी हार नहीं माना. इन कलाकारों के लिए सही मौके का इंतजार करना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक था. ओटीटी स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म ने ऐसे कलाकारों के अनदेखे टैलेंट को लोगों के सामने लाया.
बॉलीवुड इंडस्ट्री में उन अभिनेताओं के बारे में कई कहानियां हैं, जिन्होंने शोहरत और पहचान के अपने सफर में काफी संघर्ष किया है. इनमें से हर एक कलाकार की एक कहानी है, जिसमें उन्होंने अपने करियर की शुरुआत बेहद निचले स्तर से की, इतना संघर्ष करने के बाद भी कईयों को सफलता मिली तो कईयों ने अपने करियर का अंत कर दिया.
चाहे वह मनोज बाजपेयी हों जिन्होंने राज और डीके की सीरीज 'द फैमिली मैन' के साथ ओटीटी पर कब्जा कर लिया. फिल्मों और टेलीविजन में सालों काम करने के बाद आखिरकार उन्हें सही पहचान मिली है. राज और डीके, हंसल मेहता जैसे फिल्म निर्माताओं के साथ मनोज के जुड़ाव ने उन्हें एक वास्तविक स्टार बना दिया है जो आज वे हैं.
जब आप मनोज बाजपेयी को 'एक बंदा काफी है' में शानदार प्रदर्शन देते हुए देखते हैं, या करिश्मा तन्ना को स्कूप में, तो आपको एहसास होता है कि यह एक सीरीज, एक फिल्म या एक मौका की बात है, व्यापार विश्लेषक तरण आदर्श कहते हैं कि अदाह शर्मा को देखिए जिन्होंने 'द केरला स्टोरी' की और आज कहा है. मुझे लगता है कि यह सही प्रोजेक्ट का सवाल है. अगर आपके पास सही प्रोजेक्ट है तो आपको कोई नहीं रोक सकता.
सैफ अली खान ने भी सालों बाद सफलता का स्वाद चखा. 'सेक्रेड गेम्स' और 'तांडव' के साथ ओटीटी ने उन्हें एक नया मोड़ दिया. जैसा कि उन्होंने खुद एक इंटरव्यू में कहा था, कि "मुझे लगता है कि मैं कुछ मायनों में देर से उभरने वाला हूं. मेरा अभिनय आज बेहतर और बेहतर होता जा रहा है, एक्टिंग एक ऐसी चीज है, जो समय के साथ एक समझ और परिपक्वता के रूप में आगे बढ़ती है.
संजय मिश्रा, गजराज राव, नीना गुप्ता, कुमुद मिश्रा, विजय राज, पंकज त्रिपाठी, जयदीप अहलावत जैसे सितारों की दृढ़ता, हंसल मेहता, प्रदीप सरकार जैसे फिल्म निर्माताओं ने आखिरकार कर दिखाया और इन देर से खिलने वालों की कहानियां प्रेरणा से कम नहीं हैं.
Source : News Nation Bureau