संजय पूरन सिंह चौहान के डायरेक्शन में बन रही फिल्म '72 हूरें' को लेकर इन दिनों खूब चर्चा हो रही है. धर्मांतरण, आतंकी साजिश और मासूम लोगों के ब्रेनवॉश करने जैसी एक्टिविटी पर बनी फिल्म '72 हूरें' के ट्रेलर पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगा दी है. सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन ने इस फिल्म के ट्रेलर को पास करने से साफ इनकार कर दिया है. सीबीएफसी के इस फैसले के बाद एक बार फिर फ्रीडम ऑफ एक्सप्रेशन और फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसे मुद्दों पर बहस शुरू हो गई है. सोशल मीडिया पर एक पक्ष इस फैसले को सही बता कर फिल्म को प्रोपेगेंडा कह रहा है, वहीं दूसरा पक्ष इसे अभिव्यक्ति की आजादी की हत्या बता रहा है.
सीबीएफसी ने फिल्म के ट्रेलर को रिजेक्ट कर दिया
सेंट्रल बोर्ड के इस फैसले के बाद फिल्म का ट्रेलर सिनेमा घरों में रिलीज नहीं किया जाएगा. मेकर्स सिर्फ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही इसका ट्रेलर दिखा सकते हैं. फिल्म के मेकर अशोक पंडित cbfc के इस फैसले के खिलाफ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में शिकायत करने के लिए दरवाजा खटखटाने की तैयारी कर रहे हैं. सेंट्रल बोर्ड की जिम्मेदारी है कि वह ऑडियंस को ध्यान में रखते हुए फिल्मों के लिए तय मानकों का पालन करें. ऐसे में सेंट्रल बोर्ड का यह बेहद हैरान करने वाला फैसला है कि जिस सेंट्रल बोर्ड ने फिल्म '72 हूरें' की रिलीज को हरी झंडी दी थी. अब उसी सेंट्रल बोर्ड ने फिल्म के ट्रेलर को पास करने से साफ इनकार कर दिया है.
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मेकर्स इस मामले को मंत्रालय तक ले जाएंगे
वहीं फिल्म के ट्रेलर को रिजेक्ट करने के फैसले से न सिर्फ मेकर्स ही बल्कि पूरी फिल्म इंडस्ट्री को बड़ा झटका लगा है. फिल्म के निर्माताओं का कहना है कि वे इस मुद्दे को उच्च अधिकारियों तक ले जायेंगे. इसके साथ ही हम इसे सूचना और प्रसारण मंत्रालय को भी भेजेंगे और संबंधित अधिकारियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने और सेंट्रल बोर्ड के शीर्ष अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का अनुरोध करेंगे.
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Source : News Nation Bureau