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फिल्म देखने से पहले जानें कैसे काम करता है सेंसर बोर्ड, कुल कितने तरह के होते हैं सर्टिफिकेट

आपने अक्सर सुना या पढ़ा होगा कि फिल्मों को रिलीज से पहले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification) के पास जाना पड़ता है और सर्टिफिकेट लेना पड़ता है.

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Sonam Kanojia
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फिल्म देखने से पहले जानें कैसे काम करता है सेंसर बोर्ड, कुल कितने तरह के होते हैं सर्टिफिकेट

फाइल फोटो

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आपने अक्सर सुना होगा कि फिल्मों को रिलीज से पहले केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (Central Board of Film Certification) के पास जाना पड़ता है और सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. कई बार सेंसर बोर्ड (CBFC) फिल्मों में कट लगाता है तो कई बार बिना किसी विवाद के फिल्म को सर्टिफिकेट दे दिया जाता है. क्या आपने जानते हैं कि आखिर फिल्म को सर्टिफिकेट की जरूरत क्यों पड़ती है! साथ ही कितने तरह के सर्टिफिकेट होते हैं!

क्या है सेंसर का सर्टिफिकेट?

केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड की स्थापना सिनेमैटोग्राफ एक्ट 1952 के तहत की गई है. पूर्व में सेंसर बोर्ड के नाम से प्रसिद्ध यह संगठन भारत में प्रदर्शित होने वाली विभिन्न श्रेणी की फिल्मों के लिए प्रमाण पत्र जारी करता है. बोर्ड की अनुमति के बिना भारत में कोई भी देसी-विदेशी फिल्मों का सार्वजनिक प्रदर्शन नहीं किया जा सकता. इस बोर्ड में अध्यक्ष के अतिरिक्त 25 अन्य गैर सरकारी सदस्य होते हैं.

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CBFC यानि 'सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन' भारत में फिल्मों की रिलीज के लिए सर्टिफिकेट प्रदान करता है. फिल्मों में दिखाए गए कंटेट के आधार पर सर्टिफिकेट दिया जाता है. साथ ही यह तय किया जाता है कि फिल्म किस दर्शक वर्ग को दिखाए जाने लायक है. यह भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन है.

सेंसर बोर्ड के कुल 9 कार्यालय हैं, जो नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, कटक, गुवाहाटी और कोलकाता में स्थित है.

कितने प्रकार के होते हैं सर्टिफिकेट?

U सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट ऐसी फिल्मों को दिया जाता है, जिसे हर वर्ग की ऑडियंस देख सकती है.

U/A सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट सिर्फ उन फिल्मों को दिया जाता है, जिसे माता-पिता अपने 12 साल से कम उम्र के बच्चों के साथ देख सकते हैं.

A सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट सिर्फ उन फिल्मों को दिया जाता है, जिसे एडल्ट ही देख सकते हैं. आमतौर पर बोल्ड सीन्स वाली फिल्मों को यह सर्टिफिकेट दिया जाता है.

S सर्टिफिकेट: यह सर्टिफिकेट स्पेशल ऑडियंस के लिए दिया जाता है. जैसे- अगर फिल्म को सिर्फ डॉक्टर्स या सेना के जवानों को दिखाना है तो उस फिल्म को यह सर्टिफिकेट देते हैं.

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बता दें कि सेंसर बोर्ड ने हाल ही में इमरान हाशमी की फिल्म 'चीट इंडिया' के टाइटल को बदलकर 'Why Cheat India' कर दिया. हालांकि, इसके अभिनेता और निर्माता इमरान हाशमी (Emraan Hashmi) का कहना है कि यह 'अतार्किक' और 'हास्यास्पद' है. 'व्हाई चीट इंडिया' शिक्षा प्रणाली के बारे में है. फिल्म से इमरान बतौर निर्माता आगाज कर रहे हैं.

Source : News Nation Bureau

मैदान को CBFC से मंजूरी Censor Board
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