#MeToo: बॉलीवुड एक्ट्रेस चित्रांगदा सिंह ने मी टू कैंपेन का समर्थन करते हुए, बाबूमुशाय बंदूकबाज फिल्म के सेट पर हुए बुरे अनुभव को मीडिया से साझा किया. चित्रांगदा ने कहा कि फिल्म बाबूमुशाय बंदूकबाज के सेट पर उन्हें ऐसा सीन करने को कहा गया कि उन्होंने बहुत अपमानित महसूस किया. साथ ही उन्होंने बताया कि इस अनुभव के बाद उन्होंने फिल्म छोड़ दी थी. इसके साथ ही चित्रांगदा ने मीटू कैंपेन और तनुश्री दत्ता का समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि मीटू के तहत लग रहे आरोपों की जांच की जानी चाहिए.
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बयाता कि, 'फिल्म की शूटिंग के दौरान फिल्म के डायरेक्टर अचानक से आशिकाना सीन का आइडिया लेकर आए, जो मुझे नवाजुद्दीन के साथ करना था. मुझे वह सीन बहुत गंदा लगा. उस समय मुझे बहुत अपमानजनक महसूस हुआ, मैंने वह सीन नहीं किया और फिल्म छोड़ दी.' बता दें कि फिल्म के निर्देशक कुशन नंदी थे.
एक्ट्रेस ने बताया कि उस वक्त नवाजुद्दीन सिद्दीकी और फीमेल प्रोड्यूसर भी वहां पर मौजूद थीं लेकिन किसी ने भी निर्देशक का विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा, 'उसी वक्त मैंने यह फैसला किया कि मैं यह फिल्म नहीं करूंगी. मैंने फिल्म छोड़ने की वजह को एक मीडिया हाउस के साथ साझा किया था लेकिन उन्होंने कहा कि मुझे आगे आकर इस बारे में बात करनी होगी. मुझे लगता है कि उस वक्त किसी ने भी इस मुद्दे को महत्व नहीं दिया था.'
एक्ट्रेस ने आगे कहा कि, 'हालांकि अब कोई फर्क नहीं पड़ता है. क्योंकि मीडिया अभी सराहनीय काम कर रहा है. मीटू मोमेंट सिर्फ पश्चिम को कॉपी करने के लिए नहीं होना चाहिए. इसका मकसद हमारे समाज में सुधार लाना है.' याद हो कि फिल्म के निर्देशक कुशन नंदी ने उस वक्त कहा था कि इंटीमेट सीन वो वजह नहीं है जिसके चलते चित्रांगदा ने फिल्म छोड़ी. उन्होंने इन सभी आरोपों को उस वक्त खारिज किया था.
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तनुश्री का समर्थन करते हुए चित्रांगदा ने कहा, 'यदि जो वह कह रही हैं वो सच है तो इसे महत्व दिया जाना चाहिए. यह मायने नहीं रखता कि कितनी समय बाद कोई अपनी बात रखता है.'
Source : News Nation Bureau