बॉलीवुड के कुछ स्टार ऐसे हैं जो आए तो हीरो बनने थे, लेकिन उनकी किस्मत को तो कुछ और मंजुर था. दरअसल, हम बात कर रहे हैं बॉलीवुड के सुपरस्टार चंकी पांडे (Chunky Pandey) की जिनको पहचान बतौर हीरो नहीं बल्कि कॉमेडियन के तौर पर मिली. उनकी कॉमिक टाइमिंग का कोई जवाब नहीं है. आज भी एक्टर किसी भी फिल्म में अकेले ही जान डाल देते हैं. हालांकि उनके पिता नहीं चाहते थे कि वो एक्टिंग में जाए. इसके पीछे वजह भी साफ थी. वो अपने लाडले बेटे को डॉक्टर बनाना चाहते थे. चंकी के पिता शरद पांडे एक मशहूर हार्ट सर्जन थे, और मां स्नेह लता पांडे भी चिकित्सक थीं. यही कारण था कि वो चंकी को भी डॉक्टर बनाना चाहते थे. लेकिन लाडले बेटे को तो एक्टिंग का शौक था और उन्होंने वही किया.
चंकी पांडे का असली नाम -
इससे पहले हम आपको बता दें कि (Chunky Pandey Real Nname)चंकी पांडे का असली नाम सुरेश पांडे था. उस समय वो काफी गोल-मटोल हुआ करते थे. उनका देखभाल एक नैनी किया करती थी और वो नैनी ही उन्हें चंकी कहकर बुलाती थी, जिसके चलते सभी घर में उन्हें प्यार से चंकी कहकर बुलाने लगे. तभी से उनका नाम चंकी पांडे पड़ गया.
बॉलीवुड में चंकी पांडे ने ऐसे ली एंट्री -
चंकी जिस स्कूल में पढ़ाई करते थे, वहां ज्यादातर फिल्म स्टार के बच्चे पढ़ते थे, जो अपने मां-बाप के फिल्मी किस्से सुनाया करते थे. बचपन से चंकी को बॉलीवुड में काफी दिलचस्प था. वो सिनेमा से जुड़े किस्से बड़ी लालसा के साथ सुनते थे. उनकी खराब पढ़ाई को देखते हुए उनके मां-बाप ने उन्हें एक्टिंग में आने से नहीं रोका और फिर क्या था वो एक बड़े स्टार बन गए.
1987 में किया बॉलीवुड में डेब्यू -
बता दें कि चंकी ने 1987 में आई फिल्म ‘आग ही आग’ से बॉलीवुड डेब्यू किया था. इसके बाद उन्होंने ‘पाप की दुनिया’, ‘खतरों के खिलाड़ी’,’ ‘जहरीले’ और ‘आंखें’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में काम किया. साल 1988 की पॉपुलर फिल्म ‘तेजाब’ में उन्होंने अनिल कपूर के दोस्त का किरदार निभाया था, जिसके लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी नवाजा गया. इसके बाद उन्होंने कई शानदार फिल्मों में अहम भूमिका निभाई.