मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण की मूवी 'पद्मावत' को लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने गुरुवार को कहा कि राज्यों में एक फिल्म को बैन करने की वह कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।
CJI दीपक मिश्रा ने कहा, 'कई राज्यों ने 'पद्मावत' की स्क्रीनिंग पर बैन लगाने के निर्देश जारी किए। वह कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि एक फिल्म को कैसे प्रतिबंधित किया जा सकता है। अगर कोर्ट ने 'बैंडिट क्वीन' के प्रोड्यूसर को यह मूवी दिखाने का अधिकार बरकरार रखा तो उसके आगे 'पद्मावत' फिल्म कुछ भी नहीं है। कोर्ट ने यही कहा था कि यह सैलूलॉयड में प्रस्तुत एक कविता है।'
चीफ जस्टिस ने आगे कहा, 'हमारे पास शोर के डेसिबल की अनुमति से संबंधित भी कानून है। जब आप उस कानून का उल्लंघन करते हैं तो आप किसी व्यक्ति के सोने के अधिकारों में परेशानी पैदा करते हैं। जो अनिद्रा (Insomnia) से पीड़ित है, वही समझ सकता है कि वह यह त्रासदी कैसे झेल रहा है। मैं हमेशा गोपनीयता को एक संवैधानिक अवधारणा के रूप में मानता था।'
ये भी पढ़ें: पाकिस्तान की आवाम से जनादेश छीन लिया गया : नवाज शरीफ
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने कहा, 'मेरा घर मेरा महल है, आप मुझे मेरे घर पर कैसे परेशान कर सकते हैं? एक वकील के रूप में भी आपको मेरे साथ मिलने के लिए समय लेना होगा। मेरा समय केवल मेरा समय है, मेरा जीवन केवल मेरा जीवन है। मेरी गोपनीयता मेरे लिए सर्वोच्च है। रामलीला में हुए बैन और प्रदर्शन की घटना पर भी अदालत का यही कहना था।'
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2018 को रिलीज हुई 'पद्मावत' को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे। करणी सेना ने फिल्म के निर्माताओं पर रानी पद्मिनी के विवादित चित्रांकन का आरोप लगाया था। कार्यकर्ताओं का कहना था कि फिल्म में ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है। अलाउद्दीन खिलजी और रानी पद्मिनी के बीच ड्रीम सीक्वेंस है। वहीं, घूमर गाने पर भी रजवाड़ों ने विरोध जताया था।
ऐसे में फिल्म को बैन करने की मांग की गई थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद कई राज्यों में सरकारों ने प्रदर्शन को देखते हुए फिल्म की रिलीज रोकने का फैसला किया था, जिस पर SC ने फटकार लगाते हुए राज्य सरकारों को नोटिफिकेशन जारी किया था।
ये भी पढ़ें: राजकुमार-श्रद्धा की 'स्त्री' का ट्रेलर आउट, हंसाते हुए डराएगी मूवी
Source : News Nation Bureau