अपने जमाने के दिग्गज कलाकार शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) की एक्टिंग का तो हर कोई कायल है. लेकिन एक्टर कई सालों से फिल्मों से दूर हैं और राजनीति में एक्टिव हैं. लेकिन अभी तक जहां शत्रुघ्न को कांग्रेस नेता के तौर पर देखा जाता है. वहीं, अब ये बदलकर एक्टर टीएमसी (All India Trinmool Congress) में शामिल हो गए हैं. जी हां, आपने सही पढ़ा. शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता दीदी (CM Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस को ज्वॉइन कर लिया है. बता दें कि इस बात की जानकारी खुद ममता बनर्जी ने ट्वीट कर दी है. जिस पर एक्टर के फैंस भी तरह-तरह के रिएक्शन दे रहे हैं.
Happy to announce on behalf of the All India Trinamool Congress that Sri Shatrughan Sinha, former Union Minister and famed actor, will be our candidate in Loksabha by-election from Asansol. (1/2)
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) March 13, 2022
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'इस बात का ऐलान करते हुए खुशी हो रही है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री श्री शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस को ज्वॉइन कर लिया है. लोकसभा चुनाव में वे आसनसोल से हमारे उम्मीदवार होंगे'. उनका ये ट्वीट सोशल मीडिया पर आते ही वायरल हो गया है. आपको बता दें कि आसनसोल बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) की सीट रही है. लेकिन अब ये सीट उनके हाथ से निकलती नज़र आ रही है.
बता दें कि इससे पहले शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) कांग्रेस के उम्मीदवार थे. हालांकि, विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद अब उन्होंने कांग्रेस का दामन छोड़कर टीएमसी (All India Trinmool Congress) का हाथ थाम लिया है. शत्रुघ्न के इस फैसले पर लोगों ने उन्हें बधाई दी है. साथ ही आसनसोल के लोगों ने इस पर अपनी एक्साइटमेंट जाहिर कर रहे हैं.
गौरतलब है कि शत्रुघ्न सिन्हा (Shatrughna Sinha) साल 2019 में भारतीय जनता पार्टी द्वारा सीट न दिए जाने पर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. जिसके बाद अब उन्होंने कांग्रेस को भी छोड़कर तृणमूल (All India Trinmool Congress) का साथ चुना है. आपको बताते चलें कि शत्रुघ्न 2003 में वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने इंडस्ट्री के दिग्गज कलाकार राजेश खन्ना के खिलाफ भी चुनाव लड़ा था. हालांकि, बाद में उन्हें इस बात का पछतावा था कि वो उनके खिलाफ खड़े हुए, क्योंकि वे इस चुनाव में बुरी तरह हारे थे.