बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना का मामला दर्ज किए जाने की मांग शुरू हो गई है. याचिका पर अटार्नी जनरल केके. वेणुगोपाल से सहमति मांगी गई है. दरअसल किसी के खिलाफ अवमानना की मांग करने के लिए सबसे पहले अटार्नी जनरल की मंजूरी लेनी होती है या कोर्ट उस मामले में स्वत: संज्ञान लेता है. स्वरा भास्कर के खिलाफ अवमानना मामले की जांच उनके फरवरी में मुंबई कलेक्टिव के एक कार्यक्रम में दिए बयान के आधार पर की जा रही है. उस बयान में स्वरा ने न्यायपालिका पर टिप्पणी की थी. याचिकाकर्ता ऊषा शेट्टी का कहना है कि इस बयान से न्यायपालिका की छवि खराब करने वाला बताया गया है.
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इससे पहले ट्विटर पर अरेस्ट स्वरा भास्कर भी ट्रेंड कर रहा था. दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था जिसके बाद लोग उनकी गिरफ्तारी की मांग करने लगे थे. ये वीडियो एक कार्यक्रम का था जिसमें स्वरा भीड़ को संबोधित करती नजर आ रही थीं. इस वीडियो के जरिए उन पर दिल्ली में दंगा भड़काने का आऱोप लगाया गया था.
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बता दे, स्वरा कई मुद्दों पर मुखर रही हैं. हाल ही में सुशांत सिंह राजपुत मामले में भी उन्होंने रिया के समर्थन में आवाज बुलंद की थी. अपने ट्वीट में स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने कहा कि रिया को खतरनाक मीडिया ट्रायल का शिकार बनाया जा रहा है. स्वरा भास्कर (Swara Bhaskar) ने ट्वीट में लिखा, 'रिया को एक अजीब और खतरनाक मीडिया ट्रायल का शिकार बनाया जा रहा है जिसका नेतृत्व एक भीड़तंत्र द्वारा किया जा रहा है. मैं उम्मीद करती हूं कि माननीय सुप्रीम कोर्ट इस ओर ध्यान देगी और फर्जी खबर बनाने वालों और साजिश भरी कहानियों की रचना करने वाली रिपूपलिक, पूपइंडिया सहित अन्यों पर नकेल कसेगी.'