60-70 दशक के बॉलीवुड के सुपरस्टार राज कपूर (Raj Kapoor) और दिलीप कुमार (Dilip Kumar) को भला कौन नहीं जानता होगा. दोनों की अदाकारी की दुनिया दिवानी है. औज भी दोनों की फिल्मों को उतनी दिलचस्पी के साथ देखा जाता है, जितना उस दौर में देखा जाता था. आपको बता दें कि दोनों ही कलाकार का जन्म पाकिस्तान (Pakistan) में हुआ था. लेकिन बंटवारे के बाद दोनों ही सुपरस्टार का परिवार भारत आ गया था. पाकिस्तान में आज भी दोनों के पैत्रक निवास हैं. जिन्हें अब पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) म्युजियम में बदलना चाहती है.
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राज कपूर और दिलीप कुमार की पुश्तैनी हवेलियों को लेकर पाकिस्तान सरकार अब संग्रहालय में तब्दील करने के लिए उन्हें औपचारिक तौर पर संरक्षण में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. खैबर पख्तूनखा की प्रांतीय सरकार ने दोनों अभिनेताओं की हवेलियों को संग्रहालय में तब्दील करने के लिए उन्हें औपचारिक तौर पर संरक्षण में लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
18 मई है अंतिम तारीख
पेशावर के उपायुक्त खालिद महमूद ने बुधवार को ऐतिहासिक इमारतों के वर्तमान मालिकों को आखिरी नोटिस भेजा और उन्हें 18 मई को बुलाया है. मालिक खैबर पख्तूनख्वा (केपी) सरकार द्वारा तय की गई हवेलियों की कीमतों पर अपना आरक्षण जमा कर सकते हैं. इस बारे में प्रोविंशियल गवर्नमेंट या कोर्ट हवेली की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर सकती है.
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हवेलियों के दामों को लेकर आपत्ति
भारत, बांग्लादेश और पाकिस्तान में जमीन के क्षेत्रफल को मापने की इकाई मारला है. एक मारला में 272.25 वर्ग फुट होते हैं. राज कपूर की हवेली के मालिक अली कादिर ने 20 करोड़ रूपये मांगे थे, जबकि दिलीप कुमार की हवेली के मालिक गुल रहमान मोहम्मद ने कहा था कि सरकार को 3.50 करोड़ की बाजार दर पर उसे खरीदना चाहिए.
वहीं खैबर पख्तूनख्वा पुरातत्व और संग्रहालय विभाग के निदेशक डॉ. अब्दुल समद ने कहा कि दोनों घरों के अधिग्रहण के बाद ईद-उल-फितर के बाद बहाली का काम होगा. राज कपूर का पैतृक घर, कपूर हवेली के नाम से जाना जाता है, जो कि किसा ख्वानी बाजार में स्थित है. इसका निर्माण 1918 और 1922 के बीच प्रसिद्ध अभिनेता के दादा दीवान बशेश्वरनाथ कपूर द्वारा किया गया था.
राज कपूर और उनके चाचा त्रिलोक कपूर इसी इमारत में पैदा हुए. ऐसे में इसको अब म्यूजियम बनाने की तैयारी की जा रही है. जबकि दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार का 100 साल पुराना पुश्तैनी घर भी उसी इलाके में स्थित है. यह घर अब जर्जर हो चुका और 2014 में तत्कालीन नवाज शरीफ सरकार द्वारा राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया था.
HIGHLIGHTS
- खैबर पख्तूनख्वा में दोनों एक्टर की पुश्तैनी हवेलियां
- सरकार ने हवेलियों को म्युजियम में बदलने का फैसला लिया
- हवेलियों के दामों को लेकर आपत्ति