जब समानांतर सिनेमा की बात आती है तो केतन मेहता सबसे अच्छे फिल्म निर्माताओं में से एक हैं. उन्हें गोविंद निहलानी और श्याम बेनेगल के साथ चलने वाले सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्देशकों में से एक माना जाता है. 80 के दशक का हिंदी सिनेमा पूरी तरह से हिंसा, सेक्स, डबल मीनिंग वाले गाने, लिंगभेद का महिमामंडन और पीछा करने और छेड़छाड़ को सामान्य बनाने के बारे में था. ऐसे समय में केतन ने भवनी भवई (1980), होली (1984) और मिर्च मसाला (1985) जैसी फिल्में बनाईं. उन्होंने आमिर खान अभिनीत क्रांतिकारी मंगल पांडे की बायोपिक भी बनाई.
निर्देशक ने हाल ही में कंगना रनौत के साथ मणिकर्णिका द क्वीन ऑफ़ झाँसी शुरू करने और उसपर काम करने के बारे में बात की. उन्होंने आरोप लगाया कि जब कंगना ने एक प्रोजेक्ट करने का फैसला किया तो उन्होंने जो शुरू में सोचा था, यह उससे अलग कहानी बन गई.
केतन ने एक इंटरव्यू में कहा कि यह पूरी तरह से दुर्भाग्यपूर्ण और दिल तोड़ने वाला था. इसमें काफी काम किया गया था. आख़िरकार जो बनाया गया, कम से कम इतना तो कहा ही जा सकता है कि वह अच्छा था. उन्होंने आगे कहा, “पूरी स्क्रिप्ट बदल दी गई थी. मेरा प्रोजेक्ट एक अंतर्राष्ट्रीय सह-उत्पादन था. यह ब्रिटिश जनरलों के झाँसी की रानी को पकड़ने के जुनून के बारे में था. यह अधिक संतुलित था. मणिकर्णिका - झाँसी की रानी अंधराष्ट्रवादी और राष्ट्रवादी बन गई. उन्होंने कहा उसने मेरा वह प्रोजेक्ट चुरा लिया है, जिस पर मैंने 10 साल से अधिक समय तक काम किया था.
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कंगना अगली बार इमरजेंसी में नजर आएंगी. अभिनेत्री फिल्म में इंदिरा गांधी का किरदार निभाने के अलावा निर्माता और निर्देशक भी हैं. इमरजेंसी में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी, मिलिंद सोमन, विशाक नायर और दिवंगत सतीश कौशिक भी हैं. उन्होंने पी वासु की चंद्रमुखी 2 की शूटिंग भी शुरू कर दी है. वहीं, कंगना की तेजस भी अक्टूबर महीने में रिलीज होने वाली है.