वो गाना जिसने रातोंरात बना दिया नरेंद्र चंचल को भजन सम्राट, ऐसा था सफर
नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) के निधन की खबर के बाद से बॉलीवुड में शोक की लहर है. सोशल मीडिया पर फैंस से लेकर सेलेब्स सभी नम आंखों से नरेंद्र चंचल को श्रद्धांजलि दे रहे हैं
भजन सम्राट नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal Death) इस दुनिया को अलविदा कह गए. नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) का निधन 80 वर्ष की आयु में दिल्ली के अपोलो अस्पताल में में हुआ. 'चलो बुलावा आया है' हो या 'ओ जंगल के राजा मेरी मैया को लेके आजा' इन सभी भजनों के जरिए नरेंद्र चंचल हमेशा अपने फैंस के दिल में बसे रहेंगे. नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) के निधन की खबर के बाद से बॉलीवुड में शोक की लहर है. सोशल मीडिया पर फैंस से लेकर सेलेब्स सभी नम आंखों से नरेंद्र चंचल को श्रद्धांजलि दे रहे हैं.
16 अक्टूबर 1940 को अमृतसर के नामक मंडी में एक धार्मिक पंजाबी परिवार में जन्में नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) ने बचपन से ही अपनी मां कैलाशवती को मातारानी के भजन गाते हुए सुना. बचपन से घर में ऐसा माहौल होने की वजह से उन्हें संगीत में रुची होने लगी. इसके बाद नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) ने संगीत की शिक्षा ली और भजन गाने लगे.
वहीं बॉलीवुड में नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) ने वर्ष 1973 में ऋषि कपूर अभिनीत फिल्म बॉबी में 'बेशक मंदिर मस्जिद तोड़ो' गाना गाया था. इस मशहूर गाने के लिए उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड से नवाजा गया था. नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) ने साल 1980 में आशा फिल्म में 'तूने मुझ बुलाया शेरावालिए' भजन गाया था. इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में भजन गाए. नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) को पहचान फिल्म 'अवतार' में गाए माता के भजन 'चलो बुलावा आया है' से मिली. इस गाने ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया. बता दें कि हाल ही में नरेंद्र चंचल ने कोरोना को लेकर एक गाना गाया था, जो काफी वायरल हुआ था. नरेंद्र चंचल (Narendra Chanchal) को माता वैष्णो देवी को लेकर काफी आस्था थी, वो वैष्णो देवी के दरबार में आयोजित होने वाले वार्षिक जागरण में हाजिरी भी लगाते थे.