संगीत निर्देशक वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) का शुक्रवार को शहर में उनके आवास पर निधन हो गया. वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) 93 वर्ष के थे. सत्तर और अस्सी के दशक में 'अंकुर', 'मंथन', 'भूमिका', 'जाने भी दो यारो', 'मोहन जोशी हाजिर हो' और '36 चौरंगी लेन' जैसी फिल्मों के साथ ही टीवी शो 'वागले की दुनिया' और 'बनेगी अपनी बात' से उन्हें पहचान मिली थी. वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) को उम्र से संबंधित मुद्दों के कारण बदनाम किया गया था. वह कुछ समय से ठीक नहीं थे. संगीतकार वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) ने 1988 में गोविंद निहलानी की प्रशंसित 'तमस' में अपने संगीत के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता और 2012 में उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया गया.
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फिल्म निर्माता हंसल मेहता अपना शोक व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया. उन्होंने लिखा, 'आरआईपी मास्टर' जबकि अभिनेता फरहान अख्तर ने लिखा, "आरआईपी हैशटेगवनराज भाटिया, उनके द्वारा बनाए गए कई अन्य शानदार संगीत कार्यों के अलावा, मैं 'तमस' की थीम को विशेष रूप से याद करता हूं, जो पीड़ा से भरी चीख के साथ शुरू हुई. ये किसी को भी आराम पहुंचा सकती है और किसी का भी दिल तोड़ सकती है."
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शंकर-एहसान-लॉय (Shankar ehsaan loy) तिकड़ी के संगीतकार एहसान नूरानी ने लिखा, "भारत के बेहतरीन संगीतकारों में से एक संगीत निर्देशक वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) को विदाई. मुझे खुशी है कि हमें आपके साथ काम करने का मौका मिला और आप हमारे संगीत का हिस्सा बने. आपके जैसा और कोई नहीं हो सकता है."
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'जाने भी दो यारों', 'तरंग', 'द्रोह काल', 'अजूबा', 'बेटा', 'परदेस', 'चमेली और रूल्स: प्यार का सुपरहिट फॉर्मुला', 'खानदान' जैसी कई फिल्मों में वनराज भाटिया (Vanraj Bhatia) का शानदार काम देखा जा सकता है.
HIGHLIGHTS
- मशहूर संगीत निर्देशक वनराज भाटिया का 93 वर्ष की आयु में निधन
- वनराज भाटिया के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है
- सोशल मीडिया पर सेलेब्स वनराज भाटिया को श्रद्धांजलि दे रहे हैं