अभिनेता-फिल्म निर्माता आमिर खान का मानना है कि हिंदी फिल्म उद्योग में लेखकों को अधिक मेहनताना देने की जरूरत है जोकि फिल्म-निर्माण की प्रक्रिया का मूलभूत हिस्सा होते हैं. आमिर ने सोमवार को सिनेस्तान इंडिया की स्टोरीटेलर स्क्रिप्ट प्रतियोगिता 2018 के ग्रैंड फिनाले में भाग लिया, जहां उन्होंने कहा किऐसी प्रतियोगिताएं अधिक प्रतिभाओं को सामने ला सकती हैं. कार्यक्रम में वह लेखिका जूही चतुर्वेदी और लेखर अंजुम रजबअली के साथ शामिल हुए.
अभिनेता ने कहा, "मुझे बहुत खुशी हुई जब मुझे पता चला कि अंजुम (रजबअली) पटकथा लेखन प्रतियोगिता के आयोजन के लिए बहुत उत्साहित हैं क्योंकि भारत एक बड़ा देश है. यहां ऐसे लोग हैं, जो विभिन्न प्रकार की कहानियां बताना चाहते हैं लेकिन उन्हें अवसर नहीं मिल रहा है. इसलिए यह एक बेहतरीन मंच है, जहां लोग अपनी कहानियां भेज सकते हैं."
उन्होंने कहा, "फिल्म उद्योग को भी इस तरह की प्रतियोगिताएं करने की आवश्यकता है क्योंकि हमें विभिन्न दृष्टिकोणों के साथ नए लेखकों की आवश्यकता है. इसलिए जब अंजुम ने मुझे, जूही (चतुर्वेदी) और राजूजी (राजू हिरानी) को आमंत्रित किया तो हमने सोचा कि यह एक अच्छा प्रयास है और हमें इसका समर्थन करना चाहिए."
फिल्म उद्योग में लेखकों का मेहनताना हमेशा चर्चा का विषय रहा है. यह पूछे जाने पर कि क्या लेखकों को पर्याप्त मेहनताना देना चाहिए जिससे वे अच्छी कहानियां ला सकें, आमिर ने कहा, "स्क्रिप्ट लेखन प्रतियोगिता लोगों को लिखने के लिए प्रोत्साहित करने का एक प्रयास है और हमें यहीं नहीं रुकना चाहिए. निर्माताओं के रूप में हमें लेखकों को ज्यादा मेहनताना देना चाहिए."
उन्होंने कहा, "मैं पटकथा के आधार पर अपनी फिल्म चुनता हूं. इसलिए मुझे लगता है कि लेखक फिल्म निर्माण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू हैं क्योंकि कहानी एक फिल्म का मूल होती है. जब एक लेखक एक अच्छी स्क्रिप्ट लिखता है, उसके बाद हम सभी उस परियोजना से जुड़ते हैं. एक लेखक फिल्म निर्माण की पूरी प्रक्रिया का मूल व्यक्ति है."
आमिर ने कहा कि वह लेखकों और निर्माताओं के सहयोग से फिल्म उद्योग में लेखकों के लिए राजस्व मॉडल बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
Source : IANS