अभिनेता, पटकथा और संवाद लेखक कादर खान के साथ कई फिल्मों में काम चुके फिल्मकार केसी बोकाडिया ने कहा कि उनका मानना है कि मरहूम अभिनेता-लेखक को फिल्म उद्योग से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे. बोकाडिया ने यहां मंगलवार को मीडिया से बात की.
उन्होंने कहा, 'हमारे उद्योग में लोग महान प्रतिभा को भूल जाते हैं.. जैसे उन्होंने कादर खान को भुला दिया, जब उन्होंने अभिनय करना बंद कर दिया. पिछले पांच सालों से वह कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे. उन दिनों मैं उनके घर उनसे मिलने जाया करता था.'
बोकाडिया ने कहा, 'उन्होंने (कादर खान ने) कई एक्टर को प्रशिक्षित किया, जो उनके बाद उद्योग में आए थे. वह अभिनय करते समय उनको सहज बनाते थे. उन्हें फिल्म उद्योग से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वह हकदार थे. उद्योग के लोग आपकी तभी इज्जत करते हैं, जब आप अपने करियर की ऊंचाई पर हों. उसके बाद किसी को फर्क नहीं पड़ता कि आप क्या कर रहे हैं.'
बोकाडिया ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसा नहीं होना चाहिए.'
बोकाडिया ने इस चलन की निंदा करते हुए कहा, 'जब फिल्मों में काम करते हैं तो सभी नकली व्यवहार करते हैं. किसी को किसी के प्रति वास्तविक लगाव नहीं होता. हम अक्सर यह कहते हैं कि हम एक बड़ा परिवार हैं, लेकिन वास्तव में यहां सफलता ही इकलौती चीज है, जो आपके आसपास लोगों को खींचती है. मुझे लगता है कि वह (कादर खान) फिल्म उद्योग से और अधिक सम्मान के हकदार थे. मुझे उम्मीद है कि उनके निधन के बाद अब उन्हें वह सम्मान मिलेगा.'
बोकाडिया और कादर खान ने कई फिल्मों में साथ काम किया जिसमें 'दीवाना मैं दीवाना', 'दिल है बेताब', 'त्यागी', 'मैदान ए जंग', 'कब तक चुप रहूंगी', 'गंगा तेरे देश में' शामिल हैं.
कादर खान को याद करते हुए बोकाडिया ने कहा, 'वह वास्तव में बेहद अच्छे इंसान थे. अभी तक मैंने 55 फिल्में बनाईं हैं और उन्होंने इसमें से 15-20 में काम किया होगा. वह निर्देशक के अभिनेता थे. मैं नहीं समझता कि आज की पीढ़ी में कोई उनके जैसा अभिनेता है.'
उन्होंने कहा, 'यह (कादर खान का निधन) मेरे लिए और फिल्म उद्योग के लिए बड़ा नुकसान है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.'
पुराने दिनों को याद करते हुए बोकाडिया ने कहा, 'वह (कादर खान) मेरे साथ फिल्मों पर चर्चा करते थे और फिल्म बनाने की प्रक्रिया से गहराई से जुड़ते थे. हर किसी को इज्जत देते थे, जो भी सेट पर होता था. वह एक आदर्श इंसान थे.'
गौरतलब है कि 31 दिसंबर 2018 की शाम को कनाडा के टोरंटो के एक अस्पताल में कादर खान का निधन हो गया थ. वह लंबे समय से बीमार थे. उनके परिवार के एक सदस्य ने मंगलवार को इस खबर की पुष्टि की थी.
Source : IANS