'इश्कजादे', '2 स्टे्टस' और 'की एंड का' जैसी फिल्मों में काम कर चुके अभिनेता अर्जुन कपूर का कहना है कि उन्हें लगता है कि उनकी यह खुशनसीबी है जिन फिल्मों में महिलाओं के दमदार और अच्छे किरदार थे, उनका हिस्सा वह बने।
अभिनेता ने हमेशा लैंगिक समानता की जरूरत की बात की है।
फिल्मों में महिलाओं को मिल रहे विचारपूर्ण किरदारों के बारे में अर्जुन ने बताया, 'मैं खुशनसीब और भाग्यशाली हूं कि बतौर अभिनेता मैंने उन फिल्मों का चयन किया, जिसमें मेरी सह कलाकार मेरे साथ दमदार किरदार में थीं। मुझे गर्व होता है कि मैं उन फिल्मों का हिस्सा हूं जिनमें किसी के किरदार को नहीं काटा जाता।'
उन्होंने कहा, 'इसकी शुरुआत सात साल पहले हुई थी अगर आप मेरी पहली फिल्म 'इश्कजादे' को देखेंगे तो उसमें परिणीति चोपड़ा ने एक अद्भुत किरदार निभाया था और मैंने कभी यह नहीं देखा कि उसका किरदार अच्छा था या मेरा, और मुझे लगता है कि दर्शकों ने दोनों में कभी तुलना नहीं की होगी।'
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अर्जुन ने कहा, 'यहां तक कि एक कलाकार या फिर कई अन्य किरदार और हर महिला किरदार की एक निश्चित आवाज होती है और इस बारे में मैंने लेखकों की वजह से छह से सात साल पहले सोचा था। बहुत सारी पटकथाएं लिखने वाली महिलाएं हैं और कहीं न कहीं समाज में परिवर्तन को दिशा दे रही हैं।'
हिंदी फिल्मों में अपने छह साल के सफर के दौरान अर्जुन ने फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाई हैं।
उन्होंने एक प्रेमी, एक नकारात्मक किरदार और घरेलू पति का भी किरदार निभाया है।
विविधता को समझाते हुए उन्होंने कहा, 'अगर आपको विभिन्न प्रकार की फिल्मों की पेशकश की जाती है, तो आपकों उसमें से चुनाव करना होता है और फिर अन्य लोग भी यह देखते हैं कि 'वह प्रयोग कर रहा है'। इसलिए, वे (फिल्म निर्माता) आपको और अधिक ऑफर करते हैं। 'मुबारकां' से 'संदीप और पिंकी फारार' से 'नमस्ते इंग्लैंड' से राजकुमार गुप्ता फिल्म 'पानीपत' में मैं काम कर रहा हूं। मैंने अपने करियर की शुरुआत से ही सभी प्रकार की फिल्में की हैं।'
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Source : IANS