आदिपुरुष (Adipurush) को लेकर विवाद दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है, अब तक कई एक्टर्स और फिल्म मेकर्स ने फिल्म को बैन करने की बात कही है. इस बीच अब बीआर चोपड़ा की महाभारत में युधिष्ठिर की भूमिका निभाने वाले गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) ने हाल ही में निर्देशक ओम राउत की विवादास्पद फिल्म 'आदिपुरुष' पर अपनी राय साझा की. फिल्म को दर्शकों ने खराब वीएफएक्स और हिंदू देवताओं के आपत्तिजनक डायलॉग्स के कारण सिरे से खारिज कर दिया है.
एक्टर और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने टिकट खरीदने के बावजूद फिल्म नहीं देखी. उनकी अंतरात्मा ने यह स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि उन्हें थिएटर में जाकर फिल्म देखनी चाहिए. ट्रेलर और छोटी क्लिप देखने के बाद उन्हें एहसास हो गया था कि आदिपुरुष (Adipurush) देखने लायक नहीं है. उन्होंने एक मीडिया पोर्टल से कहा, "मैं अपनी आस्थाओं से समझौता नहीं करना चाहता. मैं भगवान राम को भगवान श्री राम के रूप में देखना चाहता हूं."
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'डायलॉग्स बदलने का कोई फायदा नहीं'
गजेंद्र चौहान ने कहा कि इसके पीछे गहरी साजिश है और वे आने वाली पीढ़ियों को भ्रष्ट करना चाहते हैं. वह टी-सीरीज के प्रमुख भूषण कुमार से कहना चाहेंगे कि उन्हें इन सभी चीजों का उसी ईमानदारी से ध्यान रखना चाहिए जैसे उनके पिता गुलशन कुमार ने रखा था और जिस तरह से उन्होंने धार्मिक भावनाओं का सम्मान किया था. उन्होंने कहा कि भविष्य में ऐसी चीजों को बिल्कुल भी महत्व नहीं दिया जाना चाहिए. मनोज मुंतशिर द्वारा लिखित आदिपुरुष में संशोधित संवादों के बारे में बात करते हुए गजेंद्र ने कहा कि इसका कोई फायदा नहीं है क्योंकि नुकसान पहले ही हो चुका है. उन्होंने कहा कि लोगों ने फिल्म को खारिज करके पहले ही फिल्म निर्माता को दंडित कर दिया है, उन्होंने आगे कहा कि वे सजा के हकदार हैं और उन्हें सजा मिलनी चाहिए. इसके बाद उन्होंने कहा, "इस फिल्म को रिलीज ही नहीं किया जाना चाहिए था. पूरी फिल्म पर बैन लगाया जाना चाहिए. सरकार को तुरंत इस पर रोक लगानी चाहिए.
Source : News Nation Bureau