प्रसिद्ध हस्तियों वाले बॉलीवुड के कपूर परिवार ने अपने ऐतिहासिक आरके स्टूडियो (RK Studios) को बेच दिया है. पिछले एक साल से कपूर परिवार इस स्टूडियो का दावेदार खोज रहा था जो आखिरकार अब मिल ही गया. रियल्टी फर्म गोदरेज प्रॉपर्टीज ने शुक्रवार को इसके अधिग्रहण का ऐलान किया है. कंपनी इस जमीन पर मिश्रित इस्तेमाल की परियोजना विकसित करेगी. कंपनी ने कहा, '2.20 एकड़ में फैली इस परियोजना से करीब 33 हजार वर्गमीटर बेचने योग्य क्षेत्र मिलेगा जिसमें आधुनिक लग्जरी अपार्टमेंट और लग्जरी खुदरा क्षेत्र शामिल होंगे.' हालांकि कंपनी ने सौदे की राशि की जानकारी नहीं दी.
कंपनी के कार्यकारी चेयरमैन फिरोजशाह गोदरेज ने कहा कि कंपनी ने चेंबूर स्थित इस ऐतिहासिक स्थल को अपने पोर्टफोलियो में शामिल किया है.
आर. के. स्टूडियो के रणधीर कपूर ने कहा, 'चेंबूर में स्थित यह संपत्ति मेरे परिवार के लिये बेहद महत्वपूर्ण रही है क्योंकि यहां से कई दशक तक आर. के. स्टूडियो का परिचालन हुआ है. हमने इस संपत्ति की नयी कहानी लिखने के लिये गोदरेज को चुना है.'
गौरतलब है कि चेंबूर इलाके में स्थित मशहूर आरके फिल्म्स एंड स्टूडियोज में 16 सितंबर 2017 को आग लग गई थी. इस हादसे में स्टूडियो का सेट जलकर खाक हो गया. यह महज एक स्टूडियो नहीं था, बल्कि यहां बनी तमाम फिल्मों की यादें बसी हुई थीं.
'मेरा नाम जोकर' (1970) से लेकर ऋषि कपूर और डिंपल कपाडिया की पहली फिल्म 'बॉबी' (1973), 'सत्यम शिवम सुंदरम' (1978), 'प्रेम रोग' (1982), 'राम तेरी गंगा मैली' (1985) तक.. यहां कई शानदार फिल्में बनी.
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इस स्टूडियो में खासतौर पर आरके बैनर तले बनने वाली फिल्मों की शूटिंग होती थी. आरके फिल्म्स ने बॉलीवुड को 'बरसात' (1949), 'अवारा' (1951), 'बूट पॉलिश' (1954), 'श्री 420' (1955) और 'जागते रहो' (1956) जैसी एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं.
आरके स्टूडियो की स्टेज भारत में किसी भी स्टूडियो की स्टेज से सबसे बड़ी थी. यहां आरके बैनर और अन्य फिल्मों की शूटिंग होती थी. इस स्टूडियो में यश चोपड़ा, मनमोहन देसाई और सुभाष घई जैसे बड़े फिल्ममेकर्स अपनी फिल्में शूट कर चुके है.
Source : News Nation Bureau