शोखियों में फूलों का शबाब घोलकर दुनिया को अलविदा कह गए गोपालदास 'नीरज', सुनें उनके सदाबहार गानें
'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।
'ऐ भाई जरा देख के चलो', 'मेरा मन तेरा प्यासा', 'शोखियों में घोला जाए फूलों का शबाब' और 'हरी ओम हरी' जैसे एक से बढ़कर एक गानें लिखने वाले मशहूर गीतकार गोपालदास 'नीरज' आज हमारे बीच नहीं हैं।
19 जुलाई 2018 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। अब सिर्फ उनके शब्द ही हमारे पास रह गए हैं। उनके गानों में एक खास बात यह भी होती थी कि वह बहुत बड़े-बड़े मुखड़े लिखते थे। आइये सुनते हैं उनके लिखे शानदार गानें...
गाना: काल का पहिया घूमे भइया! (साल 1970, फिल्म: चंदा और बिजली)