फिल्मकार और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी पंकजा ठाकुर का मानना है कि भारत सरकार सेंसर बोर्ड के कामकाज में सुधार लाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि कला और सिनेमा किसी भी सरकार की प्राथमिकता नहीं होती, इसलिए बदलाव आने में समय लग सकता है।
ठाकुर ने एक साक्षात्कार में बताया,'सरकार सीबीएफसी में बदलाव लाने के लिए कई चीजें कर रही है। उसने पहले ही श्याम बेनेगल समिति के साथ जुड़कर इस दिशा में कदम बढ़ा दिया है। समिति पहले ही सरकार को सुझाव दे चुकी है और सरकार इस पर विचार कर रही है।' उन्होंने कहा कि यह इतना आसान भी नहीं है। किसी भी अधिनियम में बदलाव के लिए संसद की मंजूरी की जरूरत होती है। बिल को दोनों सदनों से पारित किया जाना होता है।
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फिल्मकार के मुताबिक, 'ऐसा सिर्फ भारत में ही नहीं है, बल्कि कला व सिनेमा किसी भी सरकार की प्राथमिकता नहीं होती है, लेकिन अगर आप इसे लेकर आवाज बुलंद करते रहते हैं और सही लोगों से संपर्क बनाए रखते हैं, तो फिर मुझे पूरा यकीन है कि लोग जरूर सफल होंगे।'
Source : IANS