एक्ट्रेस बिदिता बाग बोलीं- बच्चों के कंटेंट को सेंसर करना जरूरी
फिल्म 'मेरा फौजी कॉलिंग' (Mera Fauji Calling) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म में एक्ट्रेस बिदिता बाग (Bidita Bag) एक फौजी की बीवी का किरदार निभा रही हैं.
देशभक्ति से भरी, एक फौजी और उसकी फैमिली के इमोशनल बॉन्ड पर आधारित फिल्म 'मेरा फौजी कॉलिंग' (Mera Fauji Calling) सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. इस फिल्म में एक्ट्रेस बिदिता बाग (Bidita Bag) एक फौजी की बीवी का किरदार निभा रही हैं. मेरा फौजी कॉलिंग कहानी एक देश के हर एक सिपाही की कहानी है. जब हम आराम से सोते हैं, तो वे सरहद पर पहरा दे रहे हैं. इस दौरान उनके कंधों पर देश की सुरक्षा करने का फर्ज होता है, तो वहीं अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने कर्ज भी होता है. ये कहानी भी सरहद पर तैनात एक ऐसे ही जवान की है. पत्नी जिसका पति सरहद पर है, फौजी की मां और उसकी नन्ही बेटी साल भर उस दिन का इंतजार करते हैं, जब फौजी छुट्टी लेकर गांव लौटेगा.
फिल्म में फौजी की पत्नी का किरदार निभा रहीं एक्ट्रेस बिदिता बाग से न्यूज नेशन ने बातचीत की. इस दौरान उनसे इस फिल्म के अलावा उनके आने वाले प्रोजेक्ट्स और अन्य ढेर सारी बातें की गईं. बिदिता बाग ने बातचीत में बताया कि इस फिल्म में छोटी बच्ची का किरदार सबसे जबरदस्त किरदार है. उन्होंने बताया कि इस किरदार को निभाने की लिए बेटी के रोल में नन्ही माही सोनी ने काफी मेहनत की है. जिस तरह से उन्होंने अपने किरदार को जिया है वो दिल जीत लेता है.
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर लगाम लगाने को लेकर बिदिता बाग ने कहा कि कुछ ओटीटी प्लेटफार्म अश्लील कंटेंट को पेश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए बनने वाले कंटेंट को सेंसर करना चाहिए, लेकिन 18+ कंटेंट को सेंसर नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिन लोगों को वोट देने का अधिकार है, उन्हें हर तरह का कंटेंट देखने का अधिकार होना चाहिए. हालांकि उन्होंने इस विषय पर ज्यादा कुछ नहीं कहा.
वहीं इस फिल्म की बात करें तो बिदिता बाग के हिस्से कुछ बेहतरीन दृश्य आए हैं. मसलन, बेटी के बर्थडे सेलिब्रेशन में उसके पिता की मौत की ख़बर आने के बावजूद सब कुछ ठीक होने का नाटक करना, डांस करना भावुक करने वाला सीन है. इन दृश्यों में वेटरन एक्ट्रेस ज़रीना वहाब ने पूरा साथ दिया. मेरा फौजी कॉलिंग उन हज़ारों फौजी परिवारों की कहानी कही जा सकती है, जो शहीद हो जाते हैं, मगर अपने पीछे जज़्बात का एक ऐसा रेला छोड़ा जाते हैं, जिसे ज़िंदगी के हर क़दम पर महसूस किया जाता है.