देव आनंद हिंदी सिनेमा के सबसे पॉपुलर रहे कलाकारों में से एक हैं. 160 रुपये प्रतिमाह की सैलरी वाली नौकरी से अपने करियर की शुरूआत करने वाले देव आनंद का पूरा नाम धर्म देव आनंद है. वह भारतीय सिनेमा के बहुत ही सफल कलाकार, निर्देशक और फिल्म निर्माता थे. उनका जन्म 26 सितंबर, को गुरदास पुर (अब पाकिस्तान) में हुआ था. उन्होंने गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की डिग्री प्राप्त की।
देव आनंद काम की तलाश में मुंबई आये थे जहां उन्हें मिलट्री सेंसर ऑफिस में 160 रुपये प्रति माह के वेतन पर काम की शुरुआत की थी. इसके बाद जल्दी ही उन्हें प्रभात टाकीज़ की एक फ़िल्म हम एक हैं में काम करने का मौका मिला. और पूना में शूटिंग के वक़्त उनकी दोस्ती अपने ज़माने के सबसे बड़े सुपर स्टार गुरु दत्त से हुई.
और पढ़ें- पकंज कपूर को दिया जाएगा 'आइकन ऑफ इंडियन सिनेमा' पुरस्कार
'राही' और 'आंधियां' फिल्मों के बाद देव आनंद का फिल्मी करियर रफ्तार पकड़ने लगा था. इसके बाद आई फिल्म 'टेक्सी ड्राईवर', जिसने देव आनंद को बहुत कुछ दिया. इस फिल्म में उन्होंने कल्पना कार्तिक के साथ काम किया था. जिससे उन्होंने आगे चल कर विवाह किया. देव आनंद और कल्पना का एक बेटा है, जिसका नाम दोनों ने सुनील आनंद रखा.
इसके बाद उनकी कुछ फ़िल्में आयीं जैसे, 'मुनीम जी', 'सी आई डी' और 'पेइंग गेस्ट', उसके बाद तो हर नौजवान उनके स्टाइल का दीवाना हो गया और उनका स्टाइल कॉपी करने की कोशिश करता. 1965 में इनकी पहली रंगीन फिल्म गाइड रिलीज हुई. यह मशहूर लेखक आर के नारायम के उपन्यास पर आधारित थी. यह फिल्म देव आनंद की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है.
सितंबर 2007 में उनकी आत्मकथा 'रोमांसिंग विद लाइफ' प्रकाशित हुई. इस आत्मकथा के प्रकाशन पर तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह भी उपस्थित थे. इन्हें 2001 में पद्मभूषण और 2002 में दादा साहब फालके अवार्ड से सम्मानित किया गया है.
यह भी देखें- तनुश्री दत्ता ने नाना पाटेकर के बारे में किये चौंका देने वाले खुलासे, कहा- अश्लील हरकतों से परेशान होकर छोड़ी फिल्म
3 दिसंबर 2011 को देव आनंद की लंदन में हार्ट अटैक के दौरान मौत हो गई और हिन्दी सिनेमा का यह चमकता हुआ सितारा हमेशा के लिए अस्त हो गया. ये उनकी फिल्मे ही है जो हमेशा दर्शकों को उनके बेहरीन एक्टर होने का लोहा मनवाती है.
Source : News Nation Bureau