Raj Kapoor Birthday: राज कपूर, जो आमतौर पर "ग्रेटेस्ट शोमैन" के रूप में जाने-जाते हैं. भारतीय सिनेमा के एक अद्वितीय और प्रमुख नायक थे. उनका जन्म 14 दिसम्बर 1924 को बॉम्बे (अब मुंबई), महाराष्ट्र, भारत में हुआ था और उनका पूरा नाम राजेन्द्र नाथ कपूर था. राज कपूर ने बॉलीवुड में अपने शानदार अभिनय के लिए कई लोगों को इंप्रेस किया है. उनकी फिल्मों में से कुछ प्रमुख हैं जो उनकी कला और एक्टिंग टैलेंट को दर्शाते हैं. आज वो इस दुनिया में भले ही ना हों लेकिन अपने फैंस के दिलों में वह हमेशा रहेंगे. चलिए इस मौके पर महान अभिनेता जीवन के बारे में आपको बताते हैं कुछ खास बातें.
जीवन की शुरुआत
राज कपूर का परिवार भारतीय सिनेमा के इतिहास में महत्त्वपूर्ण है. उनके पिताजी, प्रिथवीराज कपूर, भी एक प्रमुख अभिनेता और निर्देशक थे. राज कपूर ने अपने करियर की शुरुआत छोटे सी कुर्सी नाटक से की थी और बाद में उन्होंने अपने पिताजी के नाटक कम्पनी "प्रिथवी थीएटर" में काम किया.
एक्टिंग करियर
राज कपूर ने अपनी शानदार एक्टिंग के लिए "आवारा," "श्री 420," "चर्ते चर्ते," "जगत में सुंदर हैं दो नाम" और "संगम" जैसी कई सफल फिल्में दी हैं. उनकी एक्टिंग में उम्मीद, भवना, और भावनाएं सही समय पर और सही तरीके से शो करने की कला थी जिसने उन्हें उनके दर्शकों के बीच एक लोकप्रिय नायक बना दिया.
एक्टिंग के साथ एक फिल्ममेकर भी थे राज कपूर
राज कपूर ने कुछ फिल्मों का निर्देशन और निर्माण भी किया, जिनमें "मेरा नाम जोकर" एक प्रमुख फिल्म है.
परिवार के बारे में
राज कपूर की पत्नी का नाम कृष्णा कपूर था और उनके साथ उनके 6 बच्चे थे - राजीव कपूर, रिता मेहता, रणधीर कपूर ऋिशी कपूर और रिमा कपूर.
उन्हें इसलिए कहा जाता है "ग्रेटेस्ट शोमैन"
राज कपूर को "ग्रेटेस्ट शोमैन" की उपाधि से सम्मानित किया गया है. उन्होंने भारतीय सिनेमा के इतिहास में अपने योगदान के लिए काम किया है और उन्हें भारत सरकार द्वारा कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. राज कपूर का निधन 2 जून 1988 को हुआ, लेकिन उनकी कला और उनकी फिल्में आज भी लोगों की यादों में बनी हैं. उनका योगदान भारतीय सिनेमा के इतिहास में अमूल्य है.
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राज कपूर ने बॉलीवुड में अपने शानदार अभिनय के लिए कई लोगों को प्रभावित किया है. उनकी फिल्मों में से कुछ प्रमुख हैं जो उनकी कला और अभिनय कौशल को दर्शाते हैं. यहां जानें उनकी एवरग्रीन फिल्मों के नाम, "आवारा" (1951), "श्री 420" (1955), "जगत में सुन्दर हैं दो नाम" (1976), "मेरा नाम जोकर" (1970), "चर्ते चर्ते" (1978) और "संगम" (1964).