Top 5 Movies of Shyam Benegal: प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल 14 दिसंबर को एक साल और बड़े हो गए हैं. उनकी फिल्में समाज में मौजूद सामाजिक मुद्दों का प्रतिबिंब होती हैं. बेनेगल के पिता कर्नाटक के एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर थे. उन्होंने दो बार भारतीय फिल्म संस्थान के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया, जिसका नाम अब बदलकर भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान कर दिया गया है. जैसा कि श्याम बेनेगल शनिवार को 85 वर्ष के हो गए हैं, आज हम उनकी पांच फिल्मों पर एक नजर डालते हैं जिन्होंने समाज में बदलाव लाया.
अंकुर (1974)
अंकुर बेनेगल की पहली फीचर फिल्म थी जो साल 1974 में रिलीज हुई थी. फिल्म के मुख्य कलाकारों में शबाना आजमी और अनंत नाग शामिल थे, जो उस समय इस फिल्म से डेब्यू कर रहे थे. फिल्म को समीक्षकों ने काफी सराहा और इसे तीन नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिले हैं. हाल ही में, फिल्म को इंडियन न्यू वेव सिनेमा सेगमेंट के तहत भारत के इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया था.
मंथन (1976)
1976 की यह हिंदी फिल्म वर्गीस कुरियन के Milk cooperative Movement से प्रेरित थी. कुल पांच लाख किसानों ने फिल्म के लिए 2-2 रुपये का दान दिया. इस फिल्म ने 1977 में हिंदी में बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और सर्वश्रेष्ठ स्क्रिप्ट के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता.
भूमिका (1977)
1977 की फिल्म भूमिका, जिसे इंडियन न्यू वेव सिनेमा सेगमेंट के तहत भारत के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी प्रदर्शित किया गया था. फिल्म की स्टार कास्ट में स्मिता पाटिल, अमोल पालेकर, अनंत नाग, नसीरुद्दीन शाह और अमरीश पुरी शामिल थे. इस फिल्म ने दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और बेस्ट फिल्म का फिल्मफेयर पुरस्कार जीता. इसके अलावा, इसे कार्थेज फिल्म फेस्टिवल 1978, शिकागो फिल्म फेस्टिवल में भी इंवाइट किया गया था, जहां इसे 1978 में गोल्डन प्लाक से सम्मानित किया गया था.
मम्मो (1994)
मम्मो, जो 1994 में रिलीज हुई थी, बेनेगल की मुस्लिम Trilogy की पहली फिल्म थी. सीरीज की दूसरी फिल्म सरदारी बेगम थी, जो 1996 में रिलीज हुई थी, उसके बाद जुबैदा आई थी, जो 2001 में सिनेमाघरों में शो हुई थी. इसे हिंदी में बेस्ट फीचर फिल्म का नेशनल फिल्म अवार्ड भी मिला था. फिल्म में फरीदा जलाल और सुरेखा सीकरी सहित अन्य कलाकार थे. दोनों ने पुरस्कार जीते. जहां सुरेखा ने बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवार्ड जीता, वहीं फरीदा को बेस्ट परफॉर्मेंस के लिए फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड का अवार्ड मिला.
ज़ुबैदा (2001)
ज़ुबैदा Muslim Trilogy की आखिरी फिल्म है जो मम्मो से शुरू हुई थी. यह एक्ट्रेस जुबैदा बेगम के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने जोधपुर के हनवंत सिंह से शादी की थी और वह फिल्म के लेखक खालिद मोहम्मद की मां थीं. फिल्म की स्टार कास्ट में करिश्मा कपूर, मनोज बाजपेयी, रेखा सहित फिल्म इंडस्ट्री के अन्य प्रसिद्ध नाम शामिल थे. इस फिल्म ने हिंदी में बेस्ट फीचर फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता, जबकि करिश्मा को बेस्ट एक्ट्रेस (क्रिटिक्स) का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला.