बॉलीवुड एक्ट्रेस रकुलप्रीत सिंह (Rakul preet Singh) की याचिका पर आज 29 सितंबर को सुनवाई हुई. कोर्ट ने आज की सुनवाई के बाद केंद्र और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को नोटिस जारी किया है. रकुल को लेकर मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक अभी नहीं लगाई गई है. कोर्ट ने कहा है कि बिना मीडिया संस्थानों को सुने रिपोर्टिंग पर रोक का एकतरफा आदेश नहीं दिया जा सकता. इस मामले में अब अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी. रकुल ने अपने खिलाफ चल रही मीडिया रिपोर्ट को लेकर दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. रकुलप्रीत सिंह (Rakul preet Singh) ने अपनी याचिका में लिखा है कि मीडिया में चलाई जा रही खबरों से उनकी इमेज खराब हो रही है. यहां देखिए कोर्ट में आज क्या सुनवाई हुई.
रकुलप्रीत सिंह (Rakul preet Singh) के वकील ने कई मीडिया रिपोर्ट्स के हवाला दिया. कहा कि मैं किसी क्षितिज प्रसाद को नहीं जानती. मैंने किसी का नाम नहीं लिया. मुझे लेकर निराधार रिपोर्टिंग की जा रही है, फेक न्यूज़ चल रही है.
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कोर्ट का सवाल- बिना टीवी चैनल को सुने कैसे किसी खबर को फेक न्यूज़ करार देकर रोक लगाई जा सकती है.
अमन हिंगोरानी - आपने केंद्र को इस मामले मेरी मांग पर जल्द विचार करने के लिए कहा था, पर उन्होंने मेरी समस्या के निवारण के लिए कोई तत्परता नहीं दिखाई. जिन्दल केस में कोर्ट ने ये तय किया था कि अगर रिपोर्टिंग पूर्वाग्रह से हो तो रोक लगाई जा सकती है.
अमन हिंगोरानी - जब जांच शुरुआती स्टेज में हो तो ,हाईकोर्ट मीडिया रिपोर्ट्स पर बैन लगा सकता.
कोर्ट का सवाल - अगर आपको किसी ख़ास बोर्डकॉस्ट से दिक्कत है तो उसको लेकर उचित याचिका दायर कीजिए. आप सभी मीडिया चैनल की बात कर रही हैं, कोर्ट में वो पार्टी नहीं है. आपने नवीन जिन्दल केस का हवाला दिया, पर वो सिविल केस था. कोई रिट याचिका नहीं थी.
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रकुल के वकील अमन- मेरे नाम से फेक न्यूज़ चल रही है. मैंने किसी का नाम नहीं लिया है. मुझे फिल्मों से हटा दिया गया. मेरी निजता, गरिमा के अधिकार का हनन हो रहा है. केंद्र के सामने मेरा ज्ञापन 23 अक्टूबर के लिए लिस्टेड है. उससे पहले मैं राहत के लिए कहाँ जाऊं.
NBA ने कहा - हमें लगातार शिकायत मिल रही है, हम उन पर विचार कर रहे हैं.
कोर्ट ने NBA से स्टेटस रिपोर्ट दायर करने को कहा.कोर्ट ने केंद्र से भी पूछा कि उन्होंने रकुलप्रीत सिंह (Rakul preet Singh) की शिकायत पर क्या किया है. ये संदेश नहीं दिया जाना चाहिए कि कोर्ट के आदेश के बावजूद कुछ नहीं हो रहा.
केंद्र की ओर ASG चेतन शर्मा ने कहा - रकुलप्रीत इस मामले में आरोपी नहीं हैं, उन्हें सिर्फ जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है. ये मामला संजीदा है और रकुल की भावनाओं से सहानुभूति है, पर इस मसले को लेकर सन्तुलित रवैया अपनाने की ज़रूरत है.
कोर्ट - सूचना प्रसारण मंत्रालय के पास केबल टीवी एक्ट के तहत पावर हासिल है. रकुलप्रीत की दलील गलत हो सकती है, पर बिना उस पर गौर किये संजीदा मसला करार देकर रह जाना ठीक नहीं. अगली सुनवाई 15 अक्टूबर को होगी
केंद्र का रुख है कि मीडिया रिपोर्ट पर रोक का आदेश फिलहाल नहीं दिया जाना चाहिए. रकुलप्रीत सिंह (Rakul preet Singh) के अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी की अधिकार में सन्तुलन की ज़रूरत है. कोर्ट ने आज सिर्फ नोटिस जारी किया है. रकुल को लेकर मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक अभी नहीं लगाई गई है.
Source : News Nation Bureau