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Kalki 2898 AD Review: प्रभास नहीं अमिताभ हैं फिल्म के असली हीरो, दिल-किडनी सब जीत लेगा क्लाईमैक्स, देखने से पहले पढ़ें रिव्यू

कल्कि ‘2898 एडी’ का इंतजार अब खत्म हो गया है. फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है. आइए, यहां जानते हैं फिल्म कैसी है?

Updated on: 27 Jun 2024, 04:58 PM

highlights

स्टारकास्ट- प्रभास, अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण, कमल हासन

डायरेक्टर- नाग अश्विन

समय- 181 मिनट

रेटिंग- 3/5

नई दिल्ली:

Kalki 2898 AD Review: By Ankit Singh Tomar:  एक्टर कहते हैं कि जब अच्छी फिल्म आती है तो लोग अपने आप थिएटर्स खिंचे चले आते हैं लेकिन अच्छी फिल्म और बहुत अच्छी फिल्म के बीच ही आई एक ऐसी फिल्म जिसका जिक्र आज हर कोई कर रहा है और फिल्म का नाम है कल्कि 2998 AD। जी हां, प्रभास (Prabhas) और दीपिका पादुकोण (Deepika Padukone) की मच अवेटेड फिल्म कल्कि ‘2898 एडी’ (Kalki 2898 AD) का इंतजार अब खत्म हो गया है. फिल्म आज सिनेमाघरों में रिलीज कर दी गई है. 'कल्कि 2898 AD' इंडियन माइथोलॉजी को साइंस फिक्शन के साथ लेकर आई है. फिल्म में खूब सारे ट्विस्ट एंड टर्न्स के साथ अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) की दमदार एक्टिंग, दीपिका पादुकोण का इंटेस लुक और प्रभास की नॉट सो गुड कॉमिक टाईमिंग वाली एक्टिंग देखने को मिल रही है. कमल हासन (Kamal Haasan) का विलेन अवतार भी फिल्म का हाइलाइट है, लेकिन कल्कि के हीरो प्रभास नहीं बल्कि कोई और है और कौन है वो आइए, यहां जानते हैं 'कल्कि 2898 एडी' इसी Review में और आपको बताते हैं कि फिल्म कैसी है?

क्या है फिल्म की कहानी?

फिल्म की शुरुआत महाभारत के बैकड्रॉप से होती है. युद्ध के मैदान में श्रीकृष्ण, अश्वत्थामा (अमिताभ बच्चन) को कभी न मरने का श्राप देते हैं. वो अश्वत्थामा को प्रायश्चित करने का एक मौका भी देते हैं और कहते हैं जब लोगों पर अत्याचार बढ़ने लगेगा, तब भगवान के एक अवतार कल्कि का जन्म होगा हालांकि, उनका जन्म आसान नहीं होगा. इस स्थिति में अश्वत्थामा को भगवान की सुरक्षा कर अपने पाप धोने का अवसर मिलेगा. अब यहां से कहानी 6 हजार साल बाद आगे बढ़कर दुनिया के आखिरी शहर काशी की तरफ पहुंचती है. काशी में एक अलग डिस्टोपियन वर्ल्ड बना हुआ है और यहीं पर है एक शहर कॉम्पलेक्स, जिस शहर के राजा हैं फिल्म के विलेन सुप्रीम यास्किन यानि कमल हासन. इसी साम्राज्य में प्रभास यानि भैरव रहता है, जो अपनी अतरंगी हरकतों से लोगों के बीच है और हमेशा पैसों के लिए काम करता है और यहीं पर सुप्रीम यास्किन की कैद में हैं सुमति यानि कि दीपिका पादुकोण, जो प्रोजेक्ट के का हिस्सा हैं और खुद को बचाने की कोशिश कर रही हैं लेकिन यहीं पर अश्वत्थामा आते हैं जो कि सुमति को बचाते हैं लेकिन सुमति को छीनने के लिए फिर भैरव आता है और फिर भैरव-अश्वत्थामा के बीच होती है वो फाइट, जिसे देखकर आप सीटी जरूर मार देंगे. 

स्टार कास्ट की एक्टिंग

फिल्म में वैसे तो प्रभास की एक्टिंग कहीं-कहीं थोड़ी अजीब लगती है, लेकिन प्रभास की बुज्जी के साथ बॉन्डिंग कमाल है, जो प्रभास के फैंस को तो जरूर पसंद आएगी। पर हां ये जरूर है कि आप जाएंगे प्रभास की फिल्म देखने के लिए, लेकिन जब थिएटर से निकलेंगे तो अमिताभ बच्चन की चर्चा ज्यादा करेंगे. ये कहना भी गलत नहीं होगा कि फिल्म के हीरो प्रभास से ज्यादा अमिताभ बच्चन लग रहे हैं. 81 साल की उम्र में भी उन्होंने कमाल का काम किया है. खास तौर से आखिरी के 45 मिनट में उन्होंने पूरी लाइमलाइट लूट ली है. फिल्म का फर्स्ट हाफ कई जगहों पर बोरिंग लगता है, जबरदस्ती फिल्म में कुछ सीन्स को ऐड किया गया है. डिस्टोपियन वर्ल्ड में प्रभास का दिशा पाटनी के साथ रोमांस सिरदर्द सा लगता है लेकिन फिल्म में दीपिका पादुकोण कहीं भी निराश नहीं करती हैं. दीपिका जब जब स्क्रीन पर आती हैं कमाल लगती है. वहीं दीपिका और अमिताभ बच्चन के सीन्स काफी बेहतर लगते हैं तो वहीं प्रभास के साथ अमिताभ बच्चन के फाइट सीक्वेंस आपका दिल क्या किडनी भी जीत लेंगे. तो वहीं विलेन बने कमल हासन का स्क्रीन टाइम भी कम ही रखा गया है पर वो अपने रोल को पूरी तरह से जस्टिफाई करते नज़र आए हैं और उम्मीद है कि फिल्म के अगले पार्ट में कमल हासन का कमाल हमें जरूर देखने को मिलेगा. 

कैसा है डायरेक्शन, म्यूजिक और VFX?

नाग अश्विन ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और नाग अश्विन को अच्छे से पता है कि फिल्म के अंदर किस तरह से कौन सी चीज को कहां रखना है. फिल्म के अंदर महाभारत के सीक्वेंस को नाग अश्विन ने खूबसूरती से डायरेक्ट किया है. 6 हजार साल के आगे की दुनिया को नाग अश्विन ने बनाया तो है लेकिन वो थोड़ी ज्यादा साई-फाई वर्ल्ड में नज़र आती है. इससे बिल्कुल इनकार नहीं किया जा सकता है कि फिल्म को नाग अश्विन ने वाकई में किसी बड़ी हॉलीवुड फिल्म के लेवल पर बनाया है और ये अपने आप में एक अलग यूनिवर्स को क्रिएट करती है लेकिन नाग अश्विन शायद फिल्म के फर्स्ट हाफ में माहौल बनाने के चक्कर में कुछ ज्यादा ही खो गए, क्योंकि फिल्म का फर्स्ट हाफ काफी इरिटेटिंग लगता है. वहीं फिल्म के CGI, VFX बेहद शानदार है. बैकग्राउंड स्कोर काफी हद तक अच्छा है लेकिन फिल्म के गाने एक भी ऐसे नहीं है जो शायद आपको थिएटर से बाहर आने के बाद याद हों.  

ओवरऑल अगर आप कल्कि 2898 AD में मायथॉलॉजी, साई-फाई, डिस्टोपियन, एक्शन, ड्रामा ये सब देखना चाहते हैं तो आप इस फिल्म को जरूर देख सकते हैं. फिल्म को हमारी तरफ से 3/5 स्टार.