'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर' पर कंगना का जवाब, बोलीं- धड़ियाल बन लोकतंत्र का कर रहे चीरहरण...
शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' (Saamana) के संपादकीय में कई फेमस एक्टर्स का नाम लेकर लिखा है कि ऐसे लोगों ने मुंबई को अपने अभिनय और काम से संवारने का काम किया न कि पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर किया
बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत (Kangana Ranaut) मुंबई से अपने घर मनाली के लिए रवाना हो गई हैं. कंगना भले ही मुंबई से निकल चुकी हैं लेकिन सोशल मीडिया पर कंगना रनौत (Kangana ranaut) और शिवसेना के बीच जुबानी जंग जारी है. हाल ही में शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' (Saamana) के संपादकीय में कई फेमस एक्टर्स का नाम लेकर लिखा है कि ऐसे लोगों ने मुंबई को अपने अभिनय और काम से संवारने का काम किया न कि पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर किया या खुद कांच के घर में रहकर दूसरों के घर पर पत्थर फेंका नहीं फेंका करते. इसके जवाब में आज कंगना ने ट्वीट करते हुए लिखा कि जब रक्षक ही भक्षक होने का एलान कर रहे हैं धड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं.
कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने अपने ट्वीट में लिखा, 'जब रक्षक ही भक्षक होने का एलान कर रहे हैं धड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं, मुझे कमज़ोर समझ कर.. बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं! एक महिला को डरा कर उसे नीचा दिखाकर, अपनी इमेज को धूल कर रहे हैं!!'
जब रक्षक ही भक्षक होने का एलान कर रहे हैं धड़ियाल बन लोकतंत्र का चीरहरण कर रहे हैं, मुझे कमज़ोर समझ कर बहुत बड़ी भूल कर रहे हैं! एक महिला को डरा कर उसे नीचा दिखाकर, अपनी इमेज को धूल कर रहे हैं!!
आपको बता दें कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में कंगना पर निशाना साधते हुए लिखा था, 'पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर नहीं किया जाता या खुद कांच में रहकर दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका जाता. जिन्होंने फेंका उन्हें मुंबई और महाराष्ट्र का श्राप लगा. मुंबई को कम आंकना मतलब खुद ही के लिए गड्ढा खोदने जैसा है.'
इसमें आगे लिखा, 'महाराष्ट्र संतों-महात्माओं और क्रांतिकारियों की भूमि है. हिंदवी स्वराज्य के लिए, स्वतंत्रता के लिए और महाराष्ट्र के निर्माण के लिए मुंबई की भूमि यहां के भूमिपूत्रों के खून और पसीने से नहाई है.' इसके साथ ही सामना में यह भी लिखा गया कि बालासाहेब ठाकरे ने दूसरे हाथ में स्वाभिमान की चिंगारी रखी. किसी को ऐसा लग रहा होगा कि उस चिंगारी पर राख जम गई है तो वह एक बार फूंक मार कर देख ले. एक तरफ जहां शिवसेना अपने मुखपत्र सामना के जरिए लगातार कंगना पर निशाना साध रही है वहीं दूसरी तरफ कंगना सोशल मीडिया के जरिए अपनी बात रख रही हैं.