'हरामखोर' कहते वक्त नहीं लिया था कंगना का नाम, हाई कोर्ट में संजय राउत के वकील बोले
बीरेंद्र सराफ ने प्रस्तुत किया कि राउत ने अभिनेत्री के खिलाफ 'हरामखोर' कहकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और कहा था कि उसे 'सबक सिखाने' की जरूरत है
बीएमसी (BMC) द्वारा बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत (Kangana Ranaut) का दफ्तर तोड़ने के खिलाफ दायर मामले की सुनवाई के दौरान, बॉम्बे हाईकोर्ट ने आज शिवसेना नेता संजय राउत (Sanjay Raut) के बयानों की ऑडियो क्लिप चलवाई. जस्टिस एस जे कथावाला और जस्टिस आर आई छागला की एक बेंच ने कंगना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ बीरेंद्र सराफ को ऑडियो क्लिप चलाने के लिए कहा. ये कदम सराफ द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद उठाया गया कि तोड़फोड़ दुर्भावना के चलते की गई क्योंकि यह महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ रनौत ने टिप्पणी की थी.
बीरेंद्र सराफ ने प्रस्तुत किया कि राउत ने अभिनेत्री के खिलाफ 'हरामखोर' कहकर अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया था और कहा था कि उसे 'सबक सिखाने' की जरूरत है. इस स्तर पर, न्यायमूर्ति कथावाला ने वीडियो कॉन्फ्रेंस की सुनवाई में इस क्लिप को चलाने के लिए कहा. क्लिप चलने के बाद, राउत के वकील, प्रदीप जे तोरत ने कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने बयान में रनौत का नाम नहीं लिया है. जवाब में, न्यायमूर्ति कथावाला ने तोरत से पूछा कि क्या अदालत उनके बयान को दर्ज कर सकती है कि राउत कंगना रनौत का जिक्र नहीं कर रहे थे. राउत के वकील ने इस पर कहा कि मैं इसपर अपना एफिडेविट कल फाइल करुंगा.
गौरतलब है कि 9 सितंबर को जब कंगना रनौत (Kangana Ranaut) ने ध्वस्तीकरण के खिलाफ पहली बारबॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था तब अदालत ने कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और न्यायमूर्ति कथावाला ने बीएमसी की त्वरित कार्रवाई पर सवाल उठाया था. बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा था कि अगर नगर निकाय ने इतनी ही तेजी अन्य मामलों में दिखाई होती तो शहर बहुत अलग होता. बृह्न्मुंबई नगर निगम (BMC) ने अवैध निर्माण का हवाला देकर कंगना के बांद्रा वाले कार्यालय के कुछ हिस्सों को गिरा दिया था.