महाराष्ट्र सरकार और कंगना रनौत के विवाद में बीएमसी ने उनके दफ्तर में तोड़फोड दिया. बीएमसी ने कंगना के ऑफिस की बालकनी समेत कई हिस्सों को तोड़ दिया गया. कंगना रनौत जब 9 सितम्बर को मनाली से मुंबई वापसी की तो दफ्तर में मलबा मिला. वहीं, बीएमसी की तोड़फोड़ के बाद उन्होंने गुरूवार को जाकर इसका जायजा लिया. वहीं, बीएमसी की तोड़फोड़ को बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर रोका गया था.
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कंगना रनौत ने ऑफिस का जाएजा लेने के बाद कहा, मेरे पास दफ्तर को दोबारा बनवाने के पैसे नहीं हैं. मैं अपने टूटे हुए ऑफिस से ही काम करूंगी. उन्होंने ने ट्वीट किया और लिखा- मैं मेरे ऑफिस को 15 जनवरी को खोला था. इसके थोड़े टाइम बाद कोरोना आ गया. बाकी कई लोगों की तरह मैंने भी तब से काम नहीं किया है. मेरे पास ऑफिस को दोबारा बनवाने के पैसे नहीं हैं. मैं अपने टूटे हुए ऑफिस से ही काम करूंगी और उसको ऐसे ही इस बात की निशानी बनाकर रखूंगी कि एक औरत ने दुनिया से टकराने का साहस दिखाया था.
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बता दें कि कंगना रनौत के ऑफिस पर बीएमसी ने अवैध निर्माण कार्य बताकर बुलडोजर चला दिया था. बीएमसी ने कंगना के दफ्तर को तोड़ने से पहले एक नोटिस दिया. नोटिस का जवाब देने का वक्त दिया 24 घंटे. कंगना मनाली से मुंबई आ रही थी. उनके आने से पहले ही बीएमसी ने उनके दफ्तर पर बुलडोजर चला दिया और तोड़फोड़ की. वहीं, इस कार्रवाई पर मुंबई हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. अब 22 सितंबर को फिर सुनवाई होगी.
Source : News Nation Bureau