केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि फिल्मकार करन जौहर लिव-इन रिश्ते पर आधारित अपनी फिल्म 'ओके जानू' के लिए बेफिक्र होकर सीबीएफसी कार्यालय आ सकते हैं। निहलानी ने इस बात पर हैरानी जताई कि अगर वह चुंबन दृश्यों की कांट-छांट नहीं करते हैं, तब उन्हें भ्रष्ट क्यों कहा जाता है।
कुछ लोगों ने सेंसर बोर्ड पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया है और सवाल उठाया है कि जब 'तमाशा', 'ऐ दिल है मुश्किल' से चुंबन दृश्यों को हटा दिया गया तो फिर ऐसे कई दृश्यों से भरपूर 'बेफिक्रे' कैसे पास हो गई। अफवाह है कि इसके लिए पैसों का लेन-देन हुआ है।
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निहलानी ने हंसते हुए कहा, 'मैं अगर चुंबन दृश्यों की काट-छांट नहीं करता तो मैं भ्रष्ट हूं, भ्रष्टाचारी और असंस्कारी हूं।' निहलानी ने कहा कि हर फिल्म अपनी खूबियों व कहानी के आधार पर प्रमाणित की जाएगी।
उन्होंने बातया कि 'ऐ दिल है मुश्किल' में रणबीर और ऐश्वर्या के बीच चुंबन का दृश्य नहीं था। अनुष्का और रणबीर के बीच के चुंबन दृश्य को इसलिए हटाया गया, क्योंकि यह अनावश्यक रूप से बहुत लंबा था।
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निहलानी ने कहा कि पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के कारण 'ऐ दिल है मुश्किल' जब मुश्किल में पड़ी थी, तो उन्होंने करन का खुलकर समर्थन किया था।
निहलानी के मुताबिक, 'ओके जानू' के लिए करन को सेंसर बोर्ड आने दीजिए। जो सही होगा हम करेंगे।'
Source : News Nation Bureau